भारत में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच बीसीसीआई को यकीन है कि टी20 विश्व कप अक्टूबर में भारत में ही होगा, हालांकि इसे 9 की बजाय 5 शहरों में कराया जा सकता है. परंपरा यही है कि आईसीसी बैकअप में विकल्प तैयार रखता है और पिछले एक साल से वह विकल्प यूएई है.
आईपीएल इस समय बायो बबल में हो रहा है, लेकिन बीसीसीआई के सामने असल चुनौती टी20 विश्व कप प्रतिकूल परिस्थितियों में कराने की है. बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि अभी 5 महीने का समय है और लोगों को टीके मिल रहे हैं, तो विश्व कप भारत में ही होगा. यह हो सकता है कि 9 शहरों की बजाय मैच 4 या 5 शहरों में हो.’
आईसीसी के एक निरीक्षण दल को 26 अप्रैल को दिल्ली आकर आईपीएल के बायो बबल का जायजा लेना था, लेकिन भारत यात्रा पर लगे प्रतिबंध के कारण दौरा स्थगित करना पड़ा. अधिकारी ने कहा, ‘उस टीम को इस सप्ताह आना था. लेकिन यात्रा प्रतिबंध लागू होने से वे बाद में आएंगे.’
बीसीसीआई महाप्रबंधक (खेल विकास) धीरज मलहोत्रा ने शुक्रवार को बीबीसी से कहा था कि यूएई विकल्प रखा गया है. बोर्ड के अधिकारी ने हालांकि कहा कि परंपरा के तहत यूएई हमेशा दूसरा विकल्प रहता ही है.
उन्होंने कहा, ‘आईसीसी टूर्नामेंटों के लिए हमेशा एक विकल्प रहता है और पिछले साल आईसीसी की बैठक में तय होने के बाद यूएई विकल्प है. धीरज ने जो कहा, उसमें कुछ नया नहीं है. अगर अगले 5 महीने में हालात समान रहते हैं तो दूसरी योजना तैयार रखनी होगी.’
श्रीलंका, बांग्लादेश या दूसरे देशों में आईसीसी टी20 विश्व कप तीन या चार शहरों में ही होता है, लेकिन भारत में बोर्ड की राजनीति के कारण ऐसा संभव नहीं है.
विश्व कप 2011 और टी20 विश्व कप 2016 के आयोजन से जुड़े रहे बोर्ड के अधिकारी ने कहा, ‘यहां बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली का शहर (कोलकाता), उपाध्यक्ष राजीव शुक्ल का शहर (लखनऊ), सचिव जय शाह का शहर (अहमदाबाद) और कोषाध्यक्ष अरुण धूमल का शहर (धर्मशाला) है.’ उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा मुंबई, चेन्नई , दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद तो हैं ही.’