टीम इंडिया ने श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टेस्ट में मेजबान श्रीलंका को 278 रनों से पटखनी दी, जो रनों के लिहाज से भारतीय टीम की चौथी सबसे बड़ी टेस्ट जीत है. जानिए टीम इंडिया को रनों के लिहाज से मिली 10 सबसे बड़ी जीत के आंकड़े.
1. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (320 रनों से जीत)
मोहाली, 2008
धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी. इस मैच में धोनी ने दोनों पारियों में अर्धशतक बनाए थे, जबकि गांगुली और गंभीर ने शतक लगाए थे.
अमित मिश्रा ने पहली पारी में पांच और दूसरी में 2 विकेट लिए थे.
2. भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका (280 रनों से जीत)
कानपुर, 1996
सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में खेले इस मैच में भारतीय बल्लेबाजी पहली पारी में नहीं चली, लेकिन दूसरी पारी में अजहरूद्दीन की नाबाद 163 रनों की पारी की
बदौलत टीम इंडिया ने 400 रन बनाए.
3. भारत बनाम इंग्लैंड (279 रनों से जीत)
लीड्स, 1986
भारतीय टीम ने पहली पारी में 272 और दूसरी में 237 बनाए, फिर भी 279 रनों से इंग्लैंड को उसी की धरती पर हराया. टीम इंडिया की जीत के हीरो उसके गेंदबाज
रहे, जिन्होंने पहली पारी में मेजबान टीम को 102 और दूसरी में 128 पर ढेर किया.
4. भारत बनाम श्रीलंका (278 रनों से जीत)
कोलंबो, 2015
टीम इंडिया की यह जीत लंबे समय तक इसीलिए याद रखी जाएगी क्योंकि यह कुमार संगकारा का आखिरी टेस्ट था और भारतीय टीम ने पहला टेस्ट हारने के बाद इस
मैच में वापसी की थी.
5. भारत बनाम न्यूजीलैंड (272 रनों से जीत)
ऑकलैंड, 1968
न्यूजीलैंड की धरती पर भारतीय स्पिनरों का जादू कीवी बल्लेबाजों के सिर चढ़कर बोला था. ईरापल्ली प्रसन्ना ने दोनों पारियों में 4-4 विकेट लेकर मेजबान टीम की रीढ़
तोड़ी थी. रूसी सूरती दूसरी पारी में एक रन से शतक से चूक गए थे.
6. भारत बनाम श्रीलंका (278 रनों से जीत)
अहमदाबाद, 2005
यह मैच पूरी तरह से भज्जी और कुंबले की जोड़ी के नाम रहा था. हरभजन सिंह ने मैच पहली पारी में 7 तो दूसरी पारी में 3 विकेट लिए, जबकि कुंबले ने मैच में सात
विकेट लिए थे.
7. भारत बनाम वेस्टइंडीज (255 रनों से जीत)
चेन्नई, 1988
यह मैच टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गया था क्योंकि भारतीय लेग स्पिनर नरेंद्र हीरवानी ने दोनों पारियों में 8-8 विकेट लेने का जबरदस्त रिकॉर्ड
बनाया था.
8. भारत बनाम श्रीलंका (235 रनों से जीत)
कोलंबो, 1993
इस जीत में भारतीय बल्लेबाजों का बड़ा योगदान था. विनोद कांबली ने पहली, जबकि सचिन तेंदुलकर और नवजोत सिंह सिद्धू ने दूसरी पारी में शतक जड़े थे. कुंबले ने
मैच में आठ विकेट लिए थे.
9. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (222 रनों से जीत)
मेलबर्न, 1977
किसी ने सोचा नहीं था कि एमसीजी में 256 पर ऑल आउट होने के बाद भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर 222 रनों से हराएगी. गावस्कर ने दूसरी पारी
में 118 रनों की शानदारी इनिंग खेलकर ऑस्ट्रेलिया के सामने 387 का टारगेट रखा, लेकिन चंद्रशेखर और बेदी की फिरकी में उलझकर मेजबान टीम ने 164 पर हथियार
डाल लिए. चंद्रशेखर ने दोनों पारियों में 6-6 विकेट लिए थे.
10. भारत बनाम न्यूजीलैंड (216 रनों से जीत)
चेन्नई, 1976
भारतीय टीम ने यह मैच भी बेदी और चंद्रशेखर की फिरकी के दम पर जीता था. बिशन सिंह बेदी ने मैच में 9, जबकि भागवत चंद्रशेखर ने 6 विकेट लिए थे. न्यूजीलैंड
का कोई बल्लेबाज इस टेस्ट में अर्धशतक तक नहीं लगा पाया था.