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टीम इंडिया के गोलकीपर पीआर श्रीजेश का मानना है कि हार्ड टेस्ट जरूरी है

अपने अर्जुन पुरस्कार को पूरी भारतीय हॉकी टीम का बताते हुए गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने कहा कि इससे उन्हें आगामी टूर्नामेंटों में अच्छा खेलने की प्रेरणा मिलेगी लेकिन रियो ओलंपिक में उम्दा प्रदर्शन के लिये उन्हें शीर्ष टीमों के खिलाफ अधिक हार्ड टेस्ट से गुजरना होगा.

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पी आर श्रीजेश (फाइल फोटो)
पी आर श्रीजेश (फाइल फोटो)

अपने अर्जुन पुरस्कार को पूरी भारतीय हॉकी टीम का बताते हुए गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने कहा कि इससे उन्हें आगामी टूर्नामेंटों में अच्छा खेलने की प्रेरणा मिलेगी लेकिन रियो ओलंपिक में उम्दा प्रदर्शन के लिये उन्हें शीर्ष टीमों के खिलाफ अधिक हार्ड टेस्ट से गुजरना होगा.

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अर्जुन पुरस्कार पूरी टीम का
इस साल अर्जुन पुरस्कार के लिये चुने गए श्रीजेश ने कहा, 'यह पुरस्कार सम्मान के साथ जिम्मेदारी का भी अहसास दिलाता है. हॉकी टीम का खेल है और यह सिर्फ मेरा नहीं बल्कि पूरी टीम का पुरस्कार है क्योंकि मैं अकेले देश के लिए पदक नहीं जीत सकता. इससे हमारी पूरी टीम को अच्छे प्रदर्शन की प्रेरणा मिलेगी.' टीम इंडिया के लिए 121 मैच खेल चुके केरल के इस खिलाड़ी ने अगले साल होने वाले रियो ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई लेकिन कहा कि इसके लिये बड़ी टीमों के खिलाफ ज्यादा मैच खेलने होंगे. आपको बता दें कि भारतीय टीम सितंबर में न्यूजीलैंड से टेस्ट सीरीज खेलेगी जबकि अक्तूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी करेगी. इसके बाद दिसंबर में वर्ल्ड हॉकी लीग के फाइनल में हिस्सा लेगी.

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शीर्ष टीमों से ज्यादा खेलना होगा
श्रीजेश ने कहा, 'हम वर्ल्ड रैंकिंग में आठवें स्थान पर है और रातोंरात वर्ल्ड चैंपियन नहीं बन सकते लेकिन हमारी टीम दुनिया की किसी भी टीम को हराने का माद्दा रखती है. इसके लिए ओलंपिक से पहले हमें शीर्ष टीमों से अधिक मैच खेलने होंगे. आधुनिक हॉकी में कोई टीम अपराजेय नहीं है.' किन पहलुओं पर खास मेहनत करने की जरूरत है, यह पूछने पर श्रीजेश ने कहा कि मानसिक रूप से अधिक दृढ होना होगा और यह हार्ड टेस्ट से ही आएगा. उन्होंने कहा, 'निर्णायक क्षणों में सही फैसले लेना, लगातार अच्छा प्रदर्शन करना और दबाव के आगे घुटने टेकने से बचना जरूरी है. हमें बड़े मैचों का दबाव झेलने की आदत डालनी होगी और यह लगातार बड़े मैच खेलने से ही आएगा. इसी वजह से अगले साल ओलंपिक से पहले हमें अधिक हार्ड टेस्ट देने की जरूरत है.'

टीम की ताकत है आपसी तालमेल
टीम की ताकत के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि खिलाडि़यों का आपसी तालमेल जबर्दस्त है और करीब दो साल से साथ होने की वजह से सभी एक दूसरे को बखूबी समझते हैं जिसका फायदा मैदान पर मिलेगा. यह पूछने पर कि टैरी वाल्श और फिर पॉल वॉन ऐस की कोच के पद से विवादास्पद रवानगी का असर क्या टीम के प्रदर्शन पर असर पड़ेगा, श्रीजेश ने ना में जवाब दिया. उन्होंने कहा, 'खिलाड़ी इतने परिपक्व है कि मैदान से बाहर के घटनाक्रम का उन पर असर नहीं पड़ता. हम सिर्फ मैदान पर और अपने प्रदर्शन पर फोकस कर रहे हैं क्योंकि हमें पता है कि ओलंपिक हमारे लिये कितना अहम है.' भारतीय हॉकी टीम के पूर्व गोलकीपर एड्रियन डिसूजा को अपना आदर्श मानने वाले श्रीजेश भारतीय हाकी की दीवार कहे जाने पर काफी सम्मानित महसूस करते हैं.

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द्रविड़ से तुलना फख्र की बात
उन्होंने कहा, 'बचपन से हम राहुल द्रविड़ को भारतीय क्रिकेट की दीवार सुनते आये हैं और जब लोग मुझे भारतीय हॉकी की दीवार कहते हैं तो बहुत अच्छा लगता है. द्रविड़ एक लीजेंड हैं और उनसे तुलना होना किसी भी खिलाड़ी के लिये फख्र की बात है.'

इनपुट: भाषा

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