क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर आज अपना 40वां जन्मदिन मना रहे हैं. उन्होंने कोलकाता में केक काटकर अपना जन्मदिन मनाया. वे आज मुंबई के लिए टी-20 लीग में भी खेलेंगे. भले ही मेजबान टीम कोलकाता हो लेकिन ईडन गार्डन्स तेंदुलकर के चाहने वालों से भरा नजर आएगा.
सचिन के चाहनेवालों को भरोसा है कि मास्टर-ब्लास्टर अपने जन्मदिन पर बल्ले से रनों की बारिश करेंगे. उन्होंने पिछले मैच में दिल्ली के खिलाफ अर्धशतक लगाया था, लेकिन उनकी टीम फिर भी मैच हार गई थी.
मास्टर के जन्मदिन पर बैंगलोर में एक गोल्ड कंपनी ने सचिन की तीन फीट की मूर्ति बनाई है जिस पर सोने का पानी चढ़ा है. कंपनी का कहना है कि सचिन को उनके जन्मदिन पर ये मूर्ति भेंट की जाएगी. कंपनी ने पिछले साल उन्हें एक गोल्ड प्लेटेड बल्ला भेंट किया था.
महाजश्न की तैयारी...
‘सिटी ऑफ जॉय’ ने 'लिटिल मास्टर' सचिन तेंदुलकर के लिये शानदार जश्न की तैयारी की हुई है. मुंबई के बल्लेबाज तेंदुलकर नाइट राइडर्स के खिलाफ मैच खेलने के लिए कोलकाता में हैं, जहां उन्होंने टीम होटल में पत्नी अंजलि संग बर्थडे केक भी काटा.
उधर, तेंदुलकर के करीबी एक व्यक्ति ने बताया, ‘वह हमेशा अपना जन्मदिन सादगी से मनाना चाहते हैं. उन्हें पार्टी करना पसंद नहीं है और इस बार भी ऐसा ही होगा.’ बाद में रात 8 बजे तेंदुलकर 40 किलो का विशाल केक ड्रेसिंग रूम के बाहर काटेंगे जिसे बंगाल क्रिकेट संघ ने तैयार कराया है.
कैब अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने कहा, ‘कैब तब भी जश्न मनाना चाहेगा जब वह 100 साल के हो जायेंगे. हम उन्हें स्वस्थ और सुंदर जीवन की शुभकामना देते हैं.’ चाकलेट केक घाना और मेडागास्कर से मंगवाये गए खास कोको से तैयार किया जायेगा.
शेफ विकास कुमार ने कहा, ‘हम सुबह पांच बजे केक बनाना शुरू करेंगे और इसे बेक करने में छह घंटे लगेंगे.’ इससे पहले कोलकाता के चहेते सौरव गांगुली के लिये केक बना चुके शेफ ने कहा, ‘40 किलो बड़ी बात नहीं है क्योंकि हम इससे भी बड़े केक बना चुके हैं लेकिन यह बड़ा इसलिये है क्योंकि देश के आइकन के लिये बनाया जा रहा है. हमें इस पर गर्व है.’
केक पर तेंदुलकर की एक तस्वीर होगी जो दो अप्रैल 2011 को मिली विश्व कप जीत के बाद की तस्वीर है. कैब के अधिकारी ने बताया, ‘इसके अलावा केक के आसपास तेंदुलकर की 40 अलग-अलग मुद्राओं में तस्वीरें होंगी.’
नेत्रहीन बच्चों ने मनाया तेंदुलकर का जन्मदिन
बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) ने 100 नेत्रहीन विद्यार्थियों की उपस्थिति में मंगलवार को दस पौंड का केक काटकर सचिन तेंदुलकर का 40वां जन्मदिन एक दिन पहले ही मना दिया. नरेंद्रपुर रामकृष्ण मिशन नेत्रहीन स्कूल और लाइट हाउस फोर द ब्लाइंड के विद्याथियों ने मंगलवार शाम को केक काटा. इस अवसर पर कैब का संदेश भी पढ़ा गया. इसमें कहा गया, ‘हम खुशी से ओतप्रोत हैं. हम चाहते हैं कि तेंदुलकर 100 साल तक जिएं.’
कोच की कथनी, 'जब तक खेलेगा, खुश रहेगा सचिन'
सचिन तेंदुलकर के 40वें जन्मदिन से पहले उनके बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर ने भी अपनी शुभकामनायें भेजते हुए कहा है कि जब तक वह खेलेगा, खुश रहेगा. द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता 80 बरस के आचरेकर की ओर से उनकी बेटी कल्पना ने कहा, ‘मेरा आशीर्वाद सचिन के साथ हमेशा है.’
आचरेकर कूल्हे की हड्डी में फ्रेक्चर और बीमार होने से बात करने में असमर्थ थे. कल्पना के जरिये उन्होंने कहा, ‘वह ज्यादा से ज्यादा रन बनाये. मैं उसे लंबे समय तक खेलते देखना चाहता हूं. वह जब तक खेलेगा, खुश रहेगा.’ तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज से पहले आचरेकर से मुलाकात की थी.
कल्पना ने कहा, ‘वह अपनी पत्नी अंजलि के साथ बाबा से मिलने आये थे.’ आचरेकर तेंदुलकर के सारे मैच देखते हैं. उनकी बेटी ने कहा, ‘वह टीवी के सामने बैठ जाते हैं और जब तक सचिन बल्लेबाजी करता है, हिलते भी नहीं.’
सचिन के साथी खिलाड़ियों का सलाम...
राहुल द्रविड़ः 'मुझे नहीं लगता कि कोई उनकी जगह ले पायेगा. यह असंभव है. जब सुनील गावस्कर ने संन्यास लिया तो लोगों ने कहा कि अगला सुनील गावस्कर कहां से आएगा लेकिन तभी हमें सचिन तेंदुलकर मिल गया. एक पूरी पीढ़ी को यह अटपटा लगेगा क्योंकि वह सचिन को खेलते हुए देखकर बड़े हुए हैं लेकिन यह अपरिहार्य है. ऐसा होगा, यही जिंदगी है. क्रिकेट चलता रहेगा. यह किसी भी व्यक्ति से बड़ा है. महान खिलाड़ी उससे पहले भी खेलते रहे हैं और उसके बाद भी खेलेंगे.'
कपिल देवः 'मैंने पहली बार उसे ब्रेबोर्न स्टेडियम में बल्लेबाजी करते हुए देखा और मुझे उसे गेंदबाजी करने के लिये कहा गया. मुझसे कहा गया कि इससे उसका उत्साह बढ़ेगा. मैंने कहा कि वह कौन है. मुझे बताया गया कि उसने स्कूल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है और मैं उसे केवल कुछ गेंद करूं. वह 14 साल का लग रहा था. मैं उसे गेंदबाजी करते हुए नर्वस था. वह मेरे सामने काफी छोटा था. मैंने दो तेज गेंद फेंकी. उसने उन्हें फ्लिक किया और उस उम्र में भी वह नेट पर बहुत अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था.'
सौरव गांगुलीः '1992 में पर्थ में खेली गई सचिन की पारी सर्वश्रेष्ठ थी. यह 18 साल का था. पर्थ की पिच में काफी उछाल थी. हमने उस सीरीज में करारी हार झेली थी लेकिन उसने वाका की तेज पिच पर क्रेग मैकडरमाट और मर्व ह्यूज पर करारे शाट जमाये थे. अब हम अक्सर ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर जाते हैं और हमें उस तरह की पिचों पर खेलने का अनुभव है लेकिन तब हम छह साल में एक बार ऑस्ट्रेलिया जाते थे और हम उस तरह की तेज और उछाल वाली पिच पर खेलने के आदी नहीं थे.'