भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर अपने प्रशसकों के लिए भले ही क्रिकेट के भगवान हों, लेकिन दुनिया के इस स्टार बल्लेबाज का कहना है कि वह एक साधारण इंसान है. 'बीबीसी स्पोर्ट' को दिए एक इंटरव्यू में सचिन ने कहा, 'मैं क्रिकेट का भगवान नहीं हूं. मैंने मैदान पर बहुत सी गलतियां की हैं. मैं क्रिकेट से प्यार करता हूं, लेकिन मैं एक साधारण सचिन हूं और ऐसा ही होना चाहिए.'
भगवान की तरह पूजे जाने के बारे में पूछे गए एक सवाल पर सचिन ने कहा, 'मैं अपने को भाग्यशाली मानता हूं कि लोग मुझे पसंद करते हैं और प्यार करते हैं. यह एक खास बात है. मुझे लगता है कि मुझे ईश्वर का आशीर्वाद मिला है. ईश्वर मेरे लिए काफी उदार रहे हैं लेकिन मैं किसी भी चीज को हल्के में नहीं लेता. मेरे प्रति उदार रवैया रखने के लिये मैं सबका धन्यवाद करता हूं.'
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले तेंदुलकर ने पिछले ही सप्ताह यहां लॉड्र्स क्रिकेट ग्राउंड पर अपनी आत्मकथा 'प्लेईंग इट माई वे' का विमोचन किया था. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद के जीवन को काफी 'व्यस्त' बताते हुए तेंदुलकर ने कहा, 'मैं अब अपने जीवन के दूसरे पहलू का अनुभव कर रहा हूं. मैंने पिछले 24 वर्षों में केवल क्रिकेट पर ध्यान दिया. मैं इसके अलावा कुछ और नहीं कर रहा था. मैं समझता हूं कि मेरे जीवन की पहली पारी क्रिकेट खेलना और अपने सपनों का पीछा करना रही. मेरा सपना वर्ल्ड कप जीतना था और इतने साल क्रिकेट खेलने के बाद का जीवन में उन लोगों को वापस कुछ देना है जिन्होंने मुझे इतना प्यार दिया.'
यह पूछने पर कि क्या उनका बेटा अर्जुन उनकी विरासत को आगे बढ़ाएगा, सचिन ने कहा, 'सबसे पहले क्रिकेट आपके दिल में होना चाहिए, उसके बाद वह आपके दिमाग में जाता है. मूलमंत्र यह है कि क्रिकेट से आपको पागलों की तरह प्यार होना चाहिए जो मेरे बेटे (अर्जुन) में है.
(भाषा से इनपुट)