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नहीं सुलझा अनुबंध मामला, हॉकी कोच टैरी वाल्श ने छोड़ा पद

भारतीय हॉकी को एक बड़ा झटका लगा है, पुरुष टीम के कोच टेरी वाल्श ने हॉकी इंडिया और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के साथ अनुबंध संबंधी बातचीत नाकाम रहने के बाद मंगलवार को अपना पद छोड़ दिया.

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File photo: भारतीय हॉकी कोच टैरी वाल्श
File photo: भारतीय हॉकी कोच टैरी वाल्श

भारतीय हॉकी को एक बड़ा झटका लगा है , पुरुष टीम के कोच टेरी वाल्श ने हॉकी इंडिया और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के साथ अनुबंध संबंधी बातचीत नाकाम रहने के बाद मंगलवार को अपना पद छोड़ दिया.

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हालांकि वाल्श के नए प्रस्ताव पर काम किया जा रहा है. वाल्श का अनुबंध बुधवार को खत्म हो रहा है, उन्होंने पिछले महीने ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था क्योंकि हॉकी इंडिया और साई ने टीम फैसलों में उनकी बात को अधिक महत्व देने और उनकी पसंद का सहयोगी स्टाफ रखने की मांगों को नामंजूर कर दिया था.

उनसे पद पर बने रहने के लिए बातचीत चल रही थी और वह सुबह खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल से भी मिले थे लेकिन बातचीत का कोई परिणाम नहीं निकल पाया. इससे वाल्श ने अपना इस्तीफा वापस लिए बिना ऑस्ट्रेलिया लौटने का फैसला कर लिया. हालांकि उनके पास अगले दो दिनों में नया प्रस्ताव भेजा जाएगा, जिससे उनके भारत वापसी के लिए दरवाजे अब भी खुले हुए हैं.

वाल्श भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे और उन्होंने कहा कि वह अब भी भारतीय टीम को कोचिंग देने को लेकर आशावान थे और नए प्रस्ताव में उनकी सभी मांगों पर गौर किया जाएगा. वाल्श का अपने पद पर बने रहने को लेकर तब संदेह जताया जाने लगा था जब रिपोर्ट आई कि उनके और हॉकी इंडिया के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के बीच गंभीर मतभेद पैदा हो गए हैं.

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बत्रा ने आरोप लगाया कि वाल्श अमेरिकी हॉकी में अपने कार्यकाल के दौरान वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल रहे थे और वह इस ऑस्ट्रेलियाई को टीम के साथ रखने के पक्ष में नहीं थे. अगर वाल्श वापस नहीं आते तो इसे भारतीय हॉकी के लिए बड़ा झटका माना जा सकता है, क्योंकि उनके रहते हुए टीम का प्रदर्शन शानदार रहा था.

भारतीय पुरुष टीम ने हाल में 16 साल के अंतराल के बाद एशियन गेम्स का गोल्ड मेडल जीता जिससे उसने 2016 में रियो में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई किया. इससे पहले टीम ने ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीता और हाल में वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑस्ट्रेलिया से उसकी सरजमीं पर सीरीज जीती.

वाल्श की मांगों पर गौर करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन भी किया गया था, लेकिन वह किसी परिणाम पर पहुंचने में नाकाम रही थी. इस पैनल में पूर्व हॉकी कप्तान अजित पाल सिंह, अशोक कुमार और जफर इकबाल शामिल थे. पैनल ने वाल्श, हॉकी इंडिया के परफॉर्मेंस निदेशक रोलेंट ओल्टमैन्स और भारतीय खेल प्राधिकरण के अधिकारियों से दो बार बैठक की लेकिन वे किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए थे.

वाल्श ने फैसलों में उनकी बात को तवज्जो देने और अपनी पसंद के सहयोगी स्टाफ के अलावा 120 दिन के भुगतान अवकाश की भी मांग की थी. उन्होंने कहा कि इस अवकाश के दौरान वह खिलाड़ियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जुड़े रहेंगे.

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इनपुटः भाषा से

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