आईसीसी ने एसोसिएट सदस्यों के टेस्ट दर्जा हासिल करने का रास्ता आसान करते हुए गुरुवार को आईसीसी टेस्ट चैलेंज टूर्नामेंट को मंजूरी दे दी. ये टूर्नामेंट हर चार साल में सबसे निचली रैंकिंग वाली टेस्ट टीम और आईसीसी इंटर कांटिनेंटल कप के विजेता के बीच होगी.
इसके साथ ही बांग्लादेश और जिम्बाब्वे जैसी निचली रैंकिंग वाली टेस्ट टीमों को नीदरलैंड, आयरलैंड या संयुक्त अरब अमीरात से टेस्ट दर्जे के लिये भिड़ना होगा. आईसीसी कार्यकारी बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया.
आईसीसी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि आईसीसी बोर्ड ने आईसीसी टेस्ट चैलेंज को मंजूरी दे दी है. जो हर चार साल में एक बार निचली रैंकिंग वाली टेस्ट टीम और आईसीसी इंटरकांटिनेंटल कप के विजेता के बीच होगी.
प्रस्ताव के तहत 31 दिसंबर 2017 को या उस समय चल रही श्रृंखला के खत्म होने पर आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में दसवें स्थान पर काबिज टीम अपनी धरती पर दो टेस्ट और विदेशी सरजमीं पर दो टेस्ट आईसीसी इंटरकांटिनेंटल कप के विजेता से खेलेगी. पहला चैलेंज 2018 में खेला जाएगा. अगले आठ साल में दो आईसीसी इंटर कांटिनेंटल कप टूर्नामेंट खेले जाएंगे. पहला 2015 से 2017 के बीच और दूसरा 2019 से 2021 के बीच खेला जायेगा.
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डेविड रिचर्डसन ने कहा, आईसीसी टेस्ट चैलेंज के जरिये एसोसिएट सदस्य अब टेस्ट क्रिकेट खेल सकेंगे.