टेस्ट क्रिकेट की आधिकारिक शुरुआत 1877 में आज (15 मार्च) ही हुई थी. मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर खेले गए पहले टेस्ट मैच में नई उभर रही टीम ऑस्ट्रेलिया ने पुराने अंग्रेज धुरंधरों का सामना किया था. मजे की बात है कि इस टेस्ट मैच की कोई समय सीमा तय नहीं थी और दोनों टीमों को दो-दो पारियां खेलनी थीं, चाहे इसमें कितने भी दिन लगे. यह मैच 15 से 19 मार्च तक चला. शुरुआती 3 दिन के खेल के बाद चौथे दिन यानी रविवार (18 मार्च 1877) को रेस्ट डे रखा गया. इसके बाद पांचवें दिन ऑस्ट्रेलिया ने 45 रनों से जीत दर्ज की थी.
टेस्ट मैच के पहले ही दिन शतक निकला
क्रिकेट के कीर्तिमान सबसे ज्यादा लुभाते हैं. शतक का रोमांच कुछ और ही होता है. टेस्ट क्रिकेट के 144 वर्षों के इतिहास में यह जादुई आंकड़ा बल्लेबाजों के लिए मील का पत्थर साबित होता रहा है. शतकों की बात करें, तो यह सिलसिला चार्ल्स बैनरमैन से शुरू हुआ. उनके बल्ले से टेस्ट क्रिकेट के आगाज के पहले ही दिन शतक निकला था.
पहला टेस्ट रन बैनरमैन के बल्ले से आया
वह ऐतिहासिक पहला टेस्ट मैच चार्ल्स बैनरमैन के लिए बेहद खास साबित हुआ. बैनरमैन तो इंग्लैंड में पैदा हुए थे, लेकिन न्यू साउथ वेल्स की ओर से खेलते हुए उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम में जगह बना ली. दरअसल, बचपन में ही उनके माता-पिता ऑस्ट्रेलिया आ गए थे. बैनरमैन ने पारी का आगाज किया. अल्फ्रेड शॉ ने टेस्ट मैच की पहली बॉल फेंकी और उस गेंद का सामना बैनरमैन ने किया था. पहला टेस्ट रन बैनरमैन के बल्ले से ही आया था.
बैनरमैन ने शतक बनाकर इतिहास रचा
बैनरमैन ने इसके बाद पचास के व्यक्तिगत स्कोर को छुआ. इतना ही नहीं, उन्होंने उस अर्धशतक को शतक में तब्दील कर इतिहास रच दिया. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जब भी पहले शतक की बात की जाएगी, तो बैनरमैन का नाम सबसे ऊपर होगा. आखिरकार यह सलामी बल्लेबाज 165 रन बनाकर रिटायर्ड हर्ट हो गया. दरअसल, बैनरमैन चोटिल हो हो गए थे. उनकी उंगली में चोट लगी थी.
टीम के 245 में से 165 रन खुद बनाए
बैनरमैन ने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के स्कोर 245 में अकेले 165 रन बनाए थे. यानी किसी पूरी हुई टेस्ट पारी में प्रतिशत के लिहाज से सर्वाधिक रन (67.4 प्रतिशत) निकलने का आज भी यह रिकॉर्ड है. साथ ही यह अब भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज का डेब्यू करते हुए पहली पारी का उच्चतम स्कोर है. लेकिन अगले दो टेस्ट में बैनरमैन 30 रन से आग नहीं निकल पाए. पहले टेस्ट में 165 और 4 रन बनाने के बाद मेलबर्न में ही खेले गए दो मैचों में 10, 30, 15 और 15* रन ही बना पाए.
बीमारी की वजह से बैनरमैन का टेस्ट करियर महज तीन टेस्ट मैचों का रहा, लेकिन अपने इस शतक की बदौलत उन्होंने रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करा लिया. उनके भाई एलेक ऑस्ट्रेलिया की ओर से 28 टेस्ट खेले, हालांकि वह कोई शतक नहीं जमा पाए. बैनरमैन का 79 साल की उम्र में 1930 में निधन हुआ.