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देश में कबड्डी का माहौल तैयार करना है लक्ष्य: अनुपम गोस्वामी

देश की माटी के खेल के नाम से मशहूर कबड्डी को देश में पुनर्जीवित करने को अपना मुख्य लक्ष्य बताते हुए प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के कमिश्नर अनुपम गोस्वामी ने कहा है कि वह इस खेल को सामाजिक परिवेश में शीर्ष मुकाम दिलाना चाहते हैं.

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प्रो कबड्डी लीग के कमिश्नर अनुपम गोस्वामी
प्रो कबड्डी लीग के कमिश्नर अनुपम गोस्वामी

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देश की माटी के खेल के नाम से मशहूर कबड्डी को देश में पुनर्जीवित करने को अपना मुख्य लक्ष्य बताते हुए प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के कमिश्नर अनुपम गोस्वामी ने कहा है कि वह इस खेल को सामाजिक परिवेश में शीर्ष मुकाम दिलाना चाहते हैं.

देश में कबड्डी के खेल को बढ़ावा देने के लिए प्रो कबड्डी लीग ने दिल्ली सरकार के सहयोग से अंतरविद्यालय राज्यस्तरीय टूर्नामेंट-केबीडीवाई स्टार्स का आयोजन किया. इसमें दिल्ली के 70 चुनाव क्षेत्रों के 700 स्कूलों से 13000 विद्यार्थियों ने भाग लिया. अनुपम ने बताया कि अगर कबड्डी के खेल को आगे ले जाना है तो इसकी शुरुआत जमीनी स्तर से करनी होगी और इसी कारण केबीडीवाई कार्यक्रम किया गया.

अनुपम ने कहा, ‘देश में जब हमने प्रो कबड्डी लीग की शुरुआत की थी, तब हमने बताया कि कबड्डी को वैश्विक रूप दिया जा सकता है. कबड्डी गांव में तो अभी खेली जाती है. शहरों में पहले खेली जाती थी. इसे पुनर्जीवित करने की जरूरत है. केबीडीवाई जमीनी स्तर पर इस खेल को बढ़ावा देने की एक कोशिश है इसका विस्तार हो सके.’

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अनुपम से जब पूछा गया कि क्या पीकेएल के बाद से देश में कबड्डी की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है, तो उन्होंने कहा कि निश्चित ही पीकेएल से कबड्डी को नई पहचान मिली है और आगे भी इससे खेल को फायदा होगा.

उन्होंने कहा, ‘पीकेएल का प्रबल प्रभाव पड़ा है. अगर आप लीग को टीवी पर देखने वालों की संख्या देखें तो वह इस समय देश की दूसरे नंबर की लीग है. यह लीग कई जगह देखी जाती है. लीग के बाद कबड्डी की चर्चा भी आम जगहों पर शुरू हो गई है.’

केबीडीवाई में बड़ी संख्या में बच्चों ने हिस्सा लिया और अपनी प्रतिभा से सभी को प्रभावित किया. अनुपम से पूछा गया कि क्या इसमें खेलने वाले प्रतिभाशाली बच्चों को पीकेएल की टीमों में जगह मिल सकती है? उनका कहना था कि यह कार्यक्रम बच्चों को वहां तक पहुंचने के लिए एक जरिया मात्र है.

उन्होंने कहा, ‘इसके लिए कई स्तर पर पहल करनी पड़ेगी. पीकेल एक कड़ी प्रतिस्पर्धी लीग है. इनमें से कुछ न कुछ बच्चे निकट भविष्य में अपनी प्रतिभा के दम पर निश्चित ही पहुंचेंगे. लेकिन, यह सीधा रास्ता बन सके, इसके लिए हमें अभी कई स्तर पर काम करने की जरूरत है.’

अनुपम ने कहा कि उनकी कोशिश केबीडीवाई को एक आंदोलन में बदलने की है ताकि कबड्डी को खेल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सके.

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उन्होंने कहा, ‘अगर हमें दिल्ली सरकार की तरह और सरकारों का साथ मिला तो हम निश्चित तौर पर इसे आगे ले जाएंगे.’

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