भिवानी (हरियाणा) स्थित साई (स्पोर्ट्स अथॉरिटी सेंटर) वह जगह है, जहां 'स्टार विजेंदर' पैदा हुए. यहीं से उन्होंने बॉक्सिंग सीखी और आज दुनियाभर के मुक्केबाज उनके नाम से खौफ खाते हैं.
विजेंदर भिवानी के स्पोर्ट्स अथॉरिटी सेंटर के तो तब से स्टार हैं, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें कोई नहीं जानता था. उनके पीछे चलने वाले युवा, जो इन दिनों कोचिंग ले रहे हैं, विजेंदर पर गर्व महसूस करते हैं.
हाल-फिलहाल साई में 37 बॉक्सर ट्रेन ले रहे हैं. सभी उसी राह पर चलना चाहते हैं, जिस पर उनके सीनियर विजेंदर सिंह चले और नाम कमाया. 37 में से दो, संदीप भाटी और नीरज कुमार सिंघल, उसी कमरे (नंबर 21) में रहते हैं, जहां ओलंपिक पदक विजेता विजेंदर सिंह 8 साल तक रहे.
विजेंदर को लेकर क्या सोचते हैं उसके गांव वाले
संदीप ने जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता है तो नीरज दो बार जूनियर नेशनल चैंपियन रह चुका है. दोनों समेत यहां ट्रेनिंग ले रहे तमाम मुक्केबाजों के लिए विजेंदर एक आइकन हैं.
लेकिन हाल ही में विजेंदर सिंह पर आई आफत ने बॉक्सिंग की इस पीढ़ी को दुखी कर दिया है. उन्हें लगता है कि विजेंदर पर ड्रग्स तस्करों के साथ संबंध होने की खबर से बॉक्सिंग के साथ-साथ इस सेंटर (साई, भिवानी) की इमेज भी दांव पर लग चुकी है. हालांकि उन्हें इस बात का पूरा भरोसा है कि विजेंदर निर्दोष हैं और वे जल्द ही इस कीचड़ से बाहर निकल आएंगे.
नीरज ने बताया, 'यहां रहने वाले सभी बॉक्सर विजेंदर भाई को अपना आदर्श मानते हैं. हमें इस बात पर भी गर्व होता है कि हम उसी सेंटर का हिस्सा हैं, जहां कभी विजेंदर ने ट्रेनिंग ली थी. लेकिन यह भी जरूरी है कि विजेंदर भाई सच के साथ सामने आएं और साबित कर दें कि उन पर लगे तमाम आरोप झूठे हैं. मैं आशा करता हूं कि वह निर्दोष साबित होंगे, नहीं तो भारत में बॉक्सिंग का ऊपर उठ रहे ग्राफ पर बुरा असर पड़ेगा और इस ट्रेनिंग सेंटर का नाम भी खराब होगा.' सभी बॉक्सर बेताबी से इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि विजेंदर इस मामले में कुछ कहें.
19 वर्षीय संदीप इसी साल सीनियर कैटेगरी में शिफ्ट हुए हैं. संदीप अपने उन दिनों की यादें बांटते हैं, जब वे सेंटर पर नए-नए आए थे और विजेंदर तब उभरता हुआ सितारा था.
संदीप ने कहा, '7-8 साल पहले जब मैंने यहां ज्वाइन किया था, तब विजेंदर यहां स्टार थे. मैंने कभी उन्हें स्मोकिंग करते या शराब पीते या कोई नियम तोड़ते नहीं देखा. विजेंदर पर लगे आरोप झूठे हैं. लेकिन दुनिया को सबूत चाहिएं और यदि विजेंदर सिंह ने वाकई कुछ नहीं किया है तो उन्हें साबित करना चाहिए.'
विजेंदर सिंह के साथ एक ही कमरे में रहे उनके दोस्त मनीष भारद्वाज ने कहा कि विजेंदर कह चुके हैं कि वे नाडा (NADA) या वाडा (WADA) किसी भी टेस्ट से गुजरने को तैयार हैं. यदि विजेंदर ने कुछ गलत किया होता तो वे यह बात नहीं कहते. मनीष भी नेशनल लेवल के मुक्केबाज रह चुके हैं. मनीष कहते हैं कि वे खुद को निर्दोष साबित कर ही देंगे.
मनीष भारद्वाज यह भी कहते हैं कि मैंने विजेंदर के साथ रूम शेयर किया है और मैंने उसे कभी नशा करते नहीं देखा. लेकिन फिर भी उन्हें सभी टेस्ट से गुजरना चाहिए, ताकि खेल की इमेज को कोई धक्का न लगे.
इस ट्रेन सेंटर के प्रशासक (एडमिन) बृशभान ने विजेंदर को शुरू से अब तक देखा है कि वे कैसे साधारण से स्टार हुए. वे 2007 से इस सेंटर के एडमिन और रेस्लिंग कोच भी हैं. उनका कहना है कि विजेंदर से जुड़ी खबर सेंटर के लोगों के लिए बड़ा झटका थी. हम अब भी यह मानते हैं कि विजेंदर का लिंक किसी ड्रग्स माफिया से नहीं हो सकता. हर कोई विजेंदर सिंह के भविष्य की ओर देख रहा है.
सेंटर के लोग मानते हैं कि इस घटनाक्रम से बॉक्सिंग की इमेज पर पंच जरूर लगा है.