तेज गेंदबाज अरजान नागवासवाला स्टैंड बाई खिलाड़ी के रूप में भारतीय टीम के साथ ब्रिटेन जाएंगे. राष्ट्रीय टीम की ओर से कुछ ही पारसी क्रिकेटर खेलने में सफल रहे हैं और गुजरात के लिए शानदार प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम से जुड़ने वाले नागवासवाला इस सूची में जगह बनाने की उम्मीद कर रहे हैं.
नागवासवाला ने ‘बीसीसीआई.टीवी’ से कहा, ‘घरेलू क्रिकेट की कड़ी जरूरतों ने मुझे नियमित अभ्यास की अहमियत समझाई. कैसे अभ्यास करना है, अभ्यास के दौरान कैसे गेंदबाजी करनी है और प्रक्रिया पर ध्यान कैसे देना है और इसका पालन कैसे करना है, नतीजे के बारे में अधिक सोचे बिना.’
23 साल के इस तेज गेंदबाज ने कहा, ‘अगर आप प्रक्रिया का सही तरह से पालन करते हैं तो जो निश्चित तौर पर आपको वांछित नतीजे मिलते हैं. इसके अलावा धैर्य बरकरार रखना भी अहम है. किसी और से अपनी तुलना करने और यह सोचने का कोई मतलब नहीं है कि किसी और को टीम में जगह क्यों मिली और मुझे क्यों नहीं मिली.’
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पारसी क्रिकेटर के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘मुझे इसकी जानकारी है. जब मैं रणजी ट्रॉफी खेल रहा था तो लोग मुझे कहते थे कि बहुत सालों से कोई पारसी क्रिकेट भारत के लिए खेला नहीं. यह समुदाय को कुछ वापस देने की तरह है. मैं बेहद खुश हूं.’
बाएं हाथ का यह तेज गेंदबाज 41 विकेट के साथ 2019-20 सत्र में गुजरात का सबसे सफल गेंदबाज रहा था और उनकी टीम रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल में जगह बनाने में सफल रही थी.
नागवासवाला के आदर्श पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें (जहीर) भारत के लिए खेलते हुए देखता हुआ बड़ा हुआ,’ यह तेज गेंदबाज भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण का भी बड़ा प्रशंसक है.
उन्होंने कहा, ‘भरत अरुण सर के मार्गदर्शन में हमारी तेज गेंदबाजी में काफी सुधार हुआ है. हमारे पास मजबूत बेंच स्ट्रेंथ है. मुझे यकीन है कि मुझे भरत अरुण सर से काफी कुछ सीखने को मिलेगा,’