इंग्लैंड की भारत की धरती पर 2012 की जीत के प्रमुख सूत्रधार रहे पूर्व कोच एंडी फ्लावर का मानना है कि मेहमान टीम इस बार भी 9 साल पुरानी कहानी दोहरा सकती है. उसके पास मेजबान टीम को चुनौती देने के लिए ‘दमदार खिलाड़ी’ हैं. इंग्लैंड की 2012 की 2-1 से जीत में दोनों स्पिनर- ग्रीम स्वान और मोंटी पनेसर तथा स्टार बल्लेबाज केविन पीटरसन ने अहम भूमिका निभाई थी.
पिछले एक दशक में किसी विदेशी टीम की भारतीय सरजमीं पर सीरीज में यह एकमात्र जीत है. जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान और इंग्लैंड के सबसे सफल कोचों में से एक फ्लावर आगामी सीरीज को लेकर कोई भविष्यवाणी नहीं करना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने भारत की हाल में ऑस्ट्रेलिया में जीत का उदाहरण देते हुए कहा कि लंबी अवधि के प्रारूप में मेहमान टीम को अब हल्के से नहीं लिया जा सकता है.
52 साल के फ्लावर ने पीटीआई से कहा, ‘भारत ने ऑस्ट्रेलिया में टी20 सीरीज जीती और इस साल मेलबर्न और ब्रिस्बेन में टेस्ट मैच जीते तथा दो साल पहले टेस्ट सीरीज अपने नाम की थी, जिससे पता चलता है कि मेहमान टीम के पास अपनी छाप छोड़ने के लिए पर्याप्त मौके होते हैं.’
ये भी पढ़ें - ऑस्ट्रेलियाई टीम में 19 साल का तनवीर, जानें इस लेग स्पिनर का जालंधर कनेक्शन
उन्होंने कहा, ‘क्रिकेट की प्रकृति बदल गई है. बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों अधिक चुस्त बन गए हैं और वे अधिक आक्रामक खेल खेलते हैं. हमारे चारों तरफ हो रहे इन परिवर्तनों पर गौर किया जाना चाहिए. अब ये मैच नीरस नहीं होंगे.’
फ्लावर से पूछा गया कि चेन्नई में 5 फरवरी से शुरू होने वाली 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में वह किस टीम को जीत का दावेदार मानते हैं, तो उन्होंने किसी एक टीम का नाम नहीं लिया. उन्होंने कहा, ‘किस टीम का पलड़ा भारी रहेगा यह कहना अभी जल्दबाजी होगी. हालांकि इंग्लैंड की टीम के पास दमदार खिलाड़ियों का अच्छा संयोजन है, जो खुद को बेहतर या जीत की स्थिति में ला सकते हैं.’
फ्लावर ने निश्चित तौर पर कप्तान जो रूट, तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड तथा ऑलराउंडर बेन स्टोक्स के संदर्भ में यह बात कही. उन्होंने कहा कि इस सीरीज में भी जो टीम महत्वपूर्ण अवसरों पर बेहतर प्रदर्शन करेगी उसका पलड़ा भारी रहेगा.
फ्लावर ने कहा, ‘काफी कुछ मैच के दिन और महत्वपूर्ण मौकों का फायदा उठाने पर निर्भर करेगा. इंग्लैंड के पास कुछ बेहतरीन खिलाड़ी हैं, जिन्होंने खेल के सभी प्रारूपों में अच्छा प्रदर्शन किया है.’ पिछले एक दशक में इंग्लैंड की सफलता का काफी श्रेय एंडरसन और ब्रॉड की तेज गेंदबाजी जोड़ी को जाता है, जिन्होंने मिलकर 1100 से अधिक टेस्ट विकेट लिये हैं.
फ्लावर ने स्वीकार किया इनके संन्यास लेने के बाद उनकी जगह भरना मुश्किल होगा. उन्होंने कहा, ‘सभी टीमें इस तरह के बदलाव के दौर से गुजरती हैं, जब उन्हें अपने स्टार खिलाड़ियों की जगह भरनी होती है. तेज गेंदबाजी आक्रमण तैयार करने में थोड़ा समय लगता है तथा एंडरसन और ब्रॉड एक दशक से भी अधिक समय इंग्लैंड की तेज गेंदबाजी का जिम्मा संभाले हुए हैं. नए गेंदबाजों के लिए उनकी जगह भरना आसान नहीं होगा.’