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दबाव झेलने में नाकाम रहा टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर: महेंद्र सिंह धोनी

ओवल टेस्ट में भारतीय टीम की शर्मनाक हार के बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि लगातार मिली नाकामयाबी का असर टीम के टॉप ऑर्डर के आत्मविश्वास पर पड़ा है जो दबाव झेलने में असफल रहा.

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ओवल टेस्ट मैच के दौरान धोनी
ओवल टेस्ट मैच के दौरान धोनी

ओवल टेस्ट में भारतीय टीम की शर्मनाक हार के बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि लगातार मिली नाकामयाबी का असर टीम के टॉप ऑर्डर के आत्मविश्वास पर पड़ा है जो दबाव झेलने में असफल रहा. उन्होंने भारतीय टीम के इंग्लैंड से पांच मैचों की सीरीज 1-3 से गंवाने के लिये अनुभव की कमी को भी जिम्मेदार ठहराया. कप्तानी छोड़ने पर सवाल पर धोनी ने कहा, 'इंतजार कीजिए, देखते रहिए.'

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धोनी ने पांचवां टेस्ट पारी और 244 रन से गंवाने के बाद कहा, 'टॉप ऑर्डर को स्कोर नहीं बनाने का दबाव महसूस हुआ. इसे टेस्ट क्रिकेट में दबाव ही झेलना होता है. अगर बल्लेबाज थोड़ा संभल कर खेलते तो यह बेहतर हो सकता था. हमारे बल्लेबाजों ने शुरू से ही खराब प्रदर्शन किया, हालांकि निचले क्रम ने थोड़ी मदद की. इससे टॉप ऑर्डर का प्रदर्शन थोड़ा छिप गया, सिर्फ 150-160 रन का स्कोर बनाना घरेलू टीम के खिलाफ बचाव के लिये काफी नहीं है.'

इंग्लैंड के हालातों के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा, 'यह मुश्किल है लेकिन विकेट अच्छा था, इस पर अच्छी तेजी और उछाल था. बादलों भरे हालात में तेज गेंदबाजों को स्विंग मिलती है.'

बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद
धोनी ने हालांकि उम्मीद जताई कि उनके युवा खिलाड़ी इस सीरीज से सबक लेंगे और अगली बार जब वे इंग्लैंड आएंगे तो बेहतर प्रदर्शन करेंगे. भारतीय कप्तान ने कहा, 'हमने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के दौरान काफी आत्मविश्वास खोया है. यह निराशाजनक है, लेकिन इसमें काफी अनुभव होंगे जिसे युवा खिलाड़ी सीखेंगे. इनमें से काफी ने विदेश में टेस्ट मैच नहीं खेला है और उम्मीद करते हैं कि वे इस सबक का इस्तेमाल भविष्य में करेंगे.'

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'बेहतर के लिए सबकुछ किया'
धोनी ने कहा कि अपनी टीम को बेहतर करने के लिये वह कुछ ज्यादा अलग नहीं कर सकते थे. उन्होंने कहा, 'हमने सबकुछ किया जो हम कर सकते थे. अगर हम रोहित शर्मा के साथ खेलते तो मुश्किल यह थी कि हम किसे बाहर रखते. अंजिक्य रहाणे ने लॉर्ड्र्स में शतक जड़ा था. पुजारा तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हैं, विराट चौथे पर और फिर मैं. हम जो कुछ कर सकते थे, हमने कोशिश की.'

अनुभव की कमी से हारे
धोनी ने कहा कि उनकी युवा टीम का निराशाजनक प्रदर्शन का कारण इंग्लैंड में खेलने का अनुभव नहीं होना था. उन्होंने कहा, 'पांच मैचों की टेस्ट सीरीज काफी कठिन होती है. आप भुवनेश्वर को देख सकते हो, उस पर असर पड़ा है लेकिन हम उसकी जगह किसी को नहीं दे सकते. हमारे अंतिम एकादश में कई बदलाव नहीं हो सकते, इसलिये हमारे पास अनुभव की कमी है लेकिन तब तक वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेलते उन्हें अनुभव नहीं मिलेगा. यहां खेलना, सबक सीखना और मजबूत वापसी करना महत्वपूर्ण है.'

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