इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने जहां फटाफट क्रिकेट को नई पहचान दी वहीं हर सीजन में हुए विवादों ने भारतीय क्रिकेट को शर्मसार भी किया. पहले सीजन से लेकर मौजूदा सीजन तक हर बार कुछ बड़ा विवाद होता है. इस बार स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आया है. हम यहां आपको आईपीएल से जुड़े कुछ विवादों के बारे में जानकारी दे रहे हैं:
'स्लैपगेट' कांड (2008)
आईपीएल का पहला सीजन 2008 में खेला गया. भारत और दुनिया भर में आईपीएल को बहुत पसंद किया गया. आईपीएल का नाम बड़ा था और जो विवाद हुआ वो भी. अप्रैल 2008 में मोहाली में किंग्स इलेवन पंजाब और मुंबई इंडियंस के बीच मैच हुआ और मैच के बाद मुंबई इंडियंस के कप्तान हरभजन सिंह ने पंजाब के श्रीसंत को थप्पड़ जड़ दिया. इस थप्पड़ की गूंज आज तक गूंज रही है.
रवींद्र जडेजा पर लगा बैन (2010)
इंडियन प्रीमियर लीग-3 में रवींद्र जडेजा के खेलने की उम्मीदों को करारा झटका लगा था. नियमों को तोड़ने के आरोप में जडेजा के आईपीएल में खेलने पर पाबंदी लगा दी गई थी. आईपीएल की एक सदस्यीय समिति का गठन गवर्निंग काउंसिल ने किया था. जडेजा पर कॉन्ट्रेक्ट संबंधी नियमों के उल्लंघन का आरोप था. जडेजा का कॉन्ट्रेक्ट राजस्थान रॉयल्स के साथ था, लेकिन उन्होंने अपने कॉन्ट्रेक्ट का नवीनीकरण (रीन्यूअल) नहीं कराया बल्कि मुंबई इंडियंस के साथ एक नया कॉन्ट्रेक्ट साइन करने की कोशिश की. जडेजा की इस कोशिश के बाद आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल ने उन पर आईपीएल के एक सीजन में खेलने की पाबंदी लगा दी गई थी.
ललित मोदी को किया गया बर्खास्त (2010)
आईपीएल का आइडिया लेकर आए ललित मोदी को इस टी-20 लीग के तीसरे संस्करण में फाइनल मैच के प्रेजेंटेशन से पहले कमिश्नर पद से बर्खास्त कर दिया गया था. ललित मोदी पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया गया था. इसके बाद उनके खिलाफ लीगल केस भी दर्ज किया गया था. फिलहाल ललित मोदी भारतीय पुलिस की पहुंच से दूर लंदन में हैं.
कोच्चि टस्कर्स आईपीएल से बाहर (2011)
केरला की टीम
कोच्चि टस्कर्स को आईपीएल से बाहर कर दिया गया था. कोच्चि टस्कर्स को बकाया न चुकाने के कारण ये सजा भुगतनी पड़ी थी. 2011 में इंडियन प्रीमियर लीग में आगाज करने वाली टीम कोच्चि टस्कर्स इसके बाद किसी भी सीजन में नहीं खेल पाई थी. कोच्चि टीम प्रबंधन आईपीएल की टीम के मालिकाना हक के एवज में बीसीसीआई को दी जाने वाली रकम नहीं चुका पाया था. इसके लिए बोर्ड ने कोच्चि की टीम को नोटिस भी दिया था.
शेन वॉर्न की संजय दीक्षित से बदसलूकी (2011)
राजस्थान रॉयल्स के कप्तान शेन वॉर्न के लिए टीम के साथ अंतिम दिन मुश्किल भरे साबित हुए थे. एक ओर वॉर्न की टीम घर में ही लगातर मैच हारकर फिसड्डी साबित हो रही थी तो वहीं उनकी बदतमीजी उन्हें भारी पड़ी. पिच पर नाराजगी को लेकर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के साचिव संजय दीक्षित के खिलाफ अपशब्द कहने पर आरसरीए ने वॉर्न के खिलाफ बीसीसीआई और आईपीएल में शिकायत दर्ज कर दी थी. आरसीए का आरोप था कि पिच के मिजाज से नाराज शेन वॉर्न ने मनमुताबिक पिच न बनाने के लिए आरसीए के सचिव संजय दीक्षित के साथ दुर्व्यहार किया और उन्हें सरेआम गालियां भी दी थीं.
गांगुली को केकेआर का 'Tata Bye bye' (2011)
आईपीएल के तीसरे संस्करण में कोलकाता नाइट राइडर्स यानी कि केकेआर के खराब प्रदर्शन को देखते हुए टीम के मालिक शाहरुख खान ने कप्तान सौरव गांगुली को बाहर का रास्ता दिखा दिया था. गांगुली की जगह केकेआर ने गौतम गंभीर को कप्तान बनाया था. गांगुली को टीम से बाहर करने पर किंग खान को काफी आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा था. इतना ही नहीं कोलकाता में हुए मैचों में घरेलू दर्शकों ने केकेआर टीम का विरोध भी किया था.
किंग खान का झगड़ा (2012)
आईपीएल के पांचवें सीजन में सबसे ज्यादा विवाद सामने आए थे. कोलकाता नाइट राइडर्स और मुंबई इंडियंस के बीच हुए मैच के बाद एक और मुकाबला हुआ. यह जुबानी जंग थी, जो केकेआर के मालिक शाहरुख खान और मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के कर्मचारियों के बीच हुई. एमसीए ने आरोप लगाया था कि शाहरुख ने शराब के नशे में उसके अधिकारियों तथा सुरक्षा कर्मियों के साथ बदसलूकी की, लेकिन शाहरुख ने इससे इंकार करते हुए कहा कि बुरा बर्ताव वास्तव में उनके बच्चों और स्टेडियम में कुछ और लोगों के साथ हुआ. लेकिन एक ऑडियो क्लिप के सामने आने पर यह साफ हो गया था कि शाहरुख खान ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था. लेकिन यह भी साफ है सारी गलती शाहरुख खान की ही नहीं थी वहां मौजूद अधिकारियों ने भी उन्हें उकसाने का काम किया. इसके बाद मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने शाहरुख खान के वानखेड़े स्टेडियम में प्रवेश पर 5 साल की पाबंदी लगा दी थी.
पोमेरबाश ने की थी महिला से छेड़खानी (2012)
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ल्यूक पोमेरबाश ने किंग्स इलेवन पंजाब के साथ आईपीएल में अपना सफर शुरू किया था. साल 2011 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने उन्हें खरीद लिया था. आईपीएल के पांचवें सीजन में भारतीय मूल की अमेरिकी महिला के साथ छेड़खानी के आरोप में उन्हें दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था.
स्पॉट फिक्सिंग का काला धब्बा (2012)
आईपीएल के पांचवें सीजन में भी स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आया था. उस समय 5 खिलाड़ियों को दोषी पाया गया था, जिनमें मोहनीश मिश्रा, शलभ श्रीवास्तव, टीपी सुधींद्र, हरमीत सिंह और अभिनव बाली शामिल थे. दोषी पाए जाने पर इन खिलाड़ियों को सस्पेंड कर दिया गया था.
आईपीएल और रेव पार्टी का कनेक्शन (2012)
साल 2012 में रेव पार्टी के आयोजन से भी आईपीएल शर्मसार हुआ था. मुंबई में रेव पार्टी में पुलिस की छापेमारी के बाद गिरफ्तार किए गए पुणे वॉरियर्स के खिलाड़ी राहुल शर्मा और वेन पार्नेल के मामले से पुणे वॉरियर्स ने पल्ला झाड़ लिया था. टीम के मालिक सहारा इंडिया ने कहा था कि खिलाड़ी मैच के बाद क्या करते हैं वे उनसे मतलब नहीं रखते हैं.