इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर ग्रीम स्वान के संन्यास की खबर जिसने भी सुनी वो हैरान था लेकिन हरभजन सिंह को लगता है कि क्रिकेट से रातों रात संन्यास लेना आसान फैसला नहीं है और कोई भारतीय क्रिकेटर ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि उससे बहुत अपेक्षाएं होती हैं.
हरभजन ने पंजाब के रणजी ट्राफी मैच के दौरान कहा, ‘मैं नहीं जानता कि स्वान ने इतना बड़ा फैसला किस वजह से लिया लेकिन ऐसा भारतीय क्रिकेटर के साथ नहीं हो सकता.’ उन्होंने कहा, ‘मैं दबाव और कठोरता की तुलना नहीं कर रहा हूं लेकिन यदि भारतीय क्रिकेटर ऐसा फैसला करेगा तो उसे मीडिया के कई सवालों से गुजरना होगा जो कई बार बहुत मुश्किल पैदा कर सकते हैं.’
अब तक 101 टेस्ट मैच खेलने वाले हरभजन के लिये 15 साल का करियर उतार चढ़ाव वाला रहा. उन्होंने कहा, ‘भारत में एक क्रिकेटर के लिये यह दिखाना मुश्किल होता है कि वह किसी तरह के तनाव में है. आप यहां तभी संन्यास ले सकते हो जबकि आप आगे नहीं खेलना चाहते. मेरा यहां तक मानना है कि स्वान जैसे गेंदबाज को अभी कुछ साल और खेलना चाहिए था.’
हरभजन ने स्वान को इंग्लैंड के लिये वास्तविक मैच विजेता बताया जिन्हें 60 मैचों में 255 विकेट लेने के बजाय अधिक सफल होना चाहिए था.
उन्होंने कहा, ‘उसने इंग्लैंड को भारत में टेस्ट सीरीज में जीत दिलाने में मदद की. उपमहाद्वीप से बाहर के स्पिनर के लिये यह बहुत बड़ी उपलब्धि है. इंग्लैंड में आखिरी एशेज सीरीज के दौरान भी उसे सफलता मिली थी. वर्तमान टेस्ट श्रृंखला के दौरान मैंने उसे जितने समय भी गेंदबाजी करते हुए देखा, मुझे नहीं लगता कि उसने खराब गेंदबाजी की.’
भज्जी ने कहा, ‘एक स्पिनर जो इंग्लैंड में पला बढ़ा हो उसके लिये ऑफ स्पिनर बनना चुनौती होता है. काउंटी क्रिकेट के सभी चार दिन या टेस्ट मैचों के पांचों दिन लाइन और लेंथ में बदलाव करना पड़ता है. इंग्लैंड की पिचें एक निश्चित स्वरूप वाली नहीं होती हैं. उनका मिजाज हर दिन बदलता है और उसी हिसाब से लेंथ में बदलाव करना पड़ता है. स्वान ने बहुत अच्छे तरीके से यह काम किया.’ कंधे की चोट से उबर रहे हरभजन ने नेट्स पर गेंदबाजी शुरू कर दी है.