टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी चोट से उबरकर श्रीलंका के खिलाफ ट्राई सीरीज का फाइनल मैच खेलने उतरे और आखिरी ओवर में आतिशी बल्लेबाजी करके भारत की झोली में एक और खिताब डाला. वेस्टइंडीज के क्वींस पार्क ओवल मैदान पर खेले गए फाइनल मैच में रोमांच चरम पर पहुंचा और टीम इंडिया ने 2 गेंद शेष रहते 1 विकेट से जीत दर्ज की.
पिछले महीने इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम इंडिया ने इस सीरीज के शुरुआत के दो मैच गंवाने के बाद शानदार वापसी करते हुए फाइनल में जगह बनाई और फिर खिताब भी हासिल किया. टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंकाई टीम भारत के सामने 202 रनों का लक्ष्य ही रख सकी. जवाब में खेलने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत खराब रही.
खराब शुरुआत से टीम इंडिया उबरने में कामयाब रही लेकिन श्रीलंकाई गेंदबाज रंगना हेराथ (20/4) ने उसे जीत के दूर कर दिया. एक छोर पर धोनी टिके रहे और अंत में उन्होंने 49.4 ओवरों में 1 विकेट शेष रहते अपनी टीम को शानदार जीत दिला दी.
धोनी ने अपनी 52 गेंदों की अपनी सूझबूझ भरी पारी के दौरान 5 चौके और 2 छक्के लगाए. ऐसे में जबकि भारत ने 152 रनों पर अपने 7 विकेट गंवा दिए थे, धोनी ने अपनी और साथियों की काबिलियत पर भरोसा बनाए रखा और एक महान कप्तान होने का पुख्ता सबूत पेश करते हुए टीम को जीत तक ले गए. भारत को लक्ष्य तक ले जाने में धोनी के अलावा रोहित शर्मा (58), सुरेश रैना (32) और दिनेश कार्तिक (23) की अहम भूमिका रही.
अंतिम ओवर में भारत को जीत के लिए 15 रनों की जरूरत थी. शमिंदा इरांगा द्वारा फेंके गए इस ओवर की पहली गेंद बेकार चली गई, लेकिन स्ट्राइक पर जमे धोनी ने आपा नहीं खोया और दूसरी गेंद पर शानदार छक्का लगाया. इसके बाद धोनी ने इरांगा की तीसरी गेंद पर 1 और चौका लगाया और फिर चौथी गेंद पर छक्का लगाकर दो गेंदें शेष रहते ही अपनी टीम को नामुमकिन सी दिखने वाली जीत दिला दी.
टीम इंडिया की पारी
भारत का पहला विकेट सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (16) के रूप में 23 रनों के कुल योग पर ही गिर गया था. धवन को शमिंदा इरांगा ने आउट किया. इसके बाद 27 के कुल योग पर इरांगा ने विराट कोहली (2) को भी चलता कर भारत को दूसरा करार झटका दिया.
कोहली की विदाई के बाद रोहित ने कार्तिक के साथ तीसरे विकेट के लिए 50 रनों की साझेदारी निभाई. इस साझेदारी में दोनों का 23-23 रनों का योगदान रहा. कार्तिक लय में दिख रहे थे, लेकिन 23वें ओवर की आखिरी गेंद पर वह हेराथ की फिरकी में फंस गए और पहली स्लिप में महेला जयवर्धने को कैच थमा बैठे. कार्तिक ने 37 गेंदों पर 3 चौके लगाए.
इसके बाद रोहित ने रैना के साथ चौथे विकेट के लिए 62 रन जोड़े. शानदार लय में दिख रहे रोहित ने अपना अर्धशतक 80 गेंदों पर पूरा किया, लेकिन 139 के कुल योग पर वह हेराथ की एक नीची गेंद पर गच्चा खा बैठे और बोल्ड हो गए. रोहित ने 89 गेंदों पर 5 चौके और 1 छक्का लगाया.
अब विकेट पर कप्तान धोनी अपने भरोसेमंद साथी रैना का साथ निभाने पहुंचे लेकिन रैना एक गैरजिम्मेदारी भरा शॉट खेलकर 145 के कुल योग पर सुरंग लोकमल की गेंद पर कुमार संगकारा के हाथों लपके गए. रैना ने 27 गेंदों पर 1 चौका और 1 छक्का लगाया.
रैना की विदाई के बाद रवींद्र जडेजा (5) और रविचंद्रन अश्विन (0) हेराथ द्वारा फेंके गए पारी के 38वें ओवर की पहली और दूसरी गेंद पर आउट हो गए. दोनों विकेट 152 रन के कुल योग पर गिरे. हेराथ अपने इस ओवर के माध्यम से एक बार फिर श्रीलंका को मैच में वापस ले आए.
अब भुवनेश्वर कुमार (0) विकेट पर कप्तान का साथ देने आए. कप्तान ने स्ट्राइक अपने पास रखते हुए अधिक से अधिक रन बनाने की रणनीति अपनाई और दूसरे छोर पर कुमार अपना विकेट बचाते रहे. ऐसा करते हुए दोनों स्कोर को 167 रनों तक ले गए.
कुमार अपने प्रयास में सफल होते दिख रहे थे लेकिन लसिथ मलिंगा ने पारी के 42वें ओवर की पांचवीं गेंद पर एक धीमे यार्कर पर कुमार को छका दिया और इस तरह भारत का आठवां विकेट गिरा. कुमार 15 गेंदों का सामना करने के बावजूद खाता नहीं खोल सके.
कुमार के आउट होने के बाद विनय कुमार (5) ने कप्तान के साथ नौवें विकेट के लिए 15 रन जोड़े. विनय का विकेट 182 रन के कुल योग पर गिरा. इसके बाद इशांत शर्मा (नाबाद 2) विकेट पर आए लेकिन वह दो मौकों पर रन आउट होने से बचे. इन सबके बीच धोनी ने अपने लिए अंतिम ओवर की कलाकारी बचाकर रखी और भारत को बेहतरीन जीत दिला दी.
श्रीलंकाई पारी
इससे पहले, रवींद्र जडेजा (23/4) की अगुवाई में अपने गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन की बदौलत भारत ने श्रीलंका को 201 रनों पर सीमित कर दिया. श्रीलंका की ओर से कुमार संगकारा ने 71 रनों का योगदान दिया. जयवर्धने ने अपने करियर का 400वां मैच खेला. यह मुकाम हासिल करने वाले वह दुनिया के तीसरे और श्रीलंका के दूसरे खिलाड़ी हैं.
भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया. श्रीलंकाई टीम ने खराब शुरुआत की लेकिन संगकारा ने लहिरु थिरिमने (46) के साथ मिलकर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया. श्रीलंकाई टीम 48.5 ओवरों तक बल्लेबाजी कर सकी.
शुरुआती दो विकेट सस्ते में निकल जाने के बाद थिरिमने और संगकारा ने तीसरे विकेट के लिए 122 रन जोड़े. संगकारा की पारी में 100 गेंदों पर 6 चौके और 1 छक्का शामिल है. जडेजा के अलावा भारत के लिए भुवनेश्वर कुमार, रविचंद्रन अश्विन और इशांत शर्मा ने दो-दो विकेट लिए.
सलामी बल्लेबाज उपुल थरंगा (11) और जयवर्धने ने पहले विकेट के लिए 27 रन जोड़े. थरंगा को 27 के कुल योग पर भुवनेश्वर कुमार ने आउट किया. इसके बाद 49 के कुल योग पर जयवर्धने आउट हुए. वह बल्ले से अपने 400वें मैच के जश्न को यादगार नहीं बना सके.
थिरिमने ने 72 गेंदों का सामना करते हुए 4 चौके लगाए. उनका विकेट 171 रनों के कुल योग पर गिरा. इसके बाद 174 के कुल योग पर संगकारा, 176 के कुल योग पर कुशल परेरा (2) और 183 के कुल योग पर दिनेश चंडीमल (5) पवेलियन लौट गए.
कप्तान एंजेलो मैथ्यूज (10) ने तेजी से रन बटोरने का प्रयास किया लेकिन वह काफी दबाव में दिखे. मैथ्यूज ने 24 गेंदों का सामना किया और 193 के कुल योग पर इशांत के शिकार बने. हेराथ (3) के रूप में श्रीलंका ने 196 के कुल योग पर अपना आठवां विकेट गंवाया और लसिंथ मलिंगा (0) को 196 के कुल योग पर जडेजा ने चलता किया. 201 के कुल योग पर जडेजा ने सुरंग लोकमल (1) को आउट करके पारी की समाप्ति की. शमिंदा इरांगा पांच रनों पर नाबाद लौटे.