अनुभवी टेबल टेनिस खिलाड़ी मौमा दास समेत सात खिलाड़ियों को देश के 72वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार के लिए चुना गया. मौमा (टेबल टेनिस, प. बंगाल) के अलावा पी अनीता (बास्केटबॉल, तमिलनाडु), माधवन नाम्बियार (पीटी उषा के कोच, केरल), सुधा सिंह (एथलीट, उत्तर प्रदेश), वीरेंद्र सिंह (कुश्ती, हरियाणा), केवाई वेंकटेश ( पैरा स्पोर्ट्स, कर्नाटक) और अंशु जामसेनपा (पर्वतारोहण, अरुणाचल प्रदेश) को खेल श्रेणी से इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया.
हर साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की जाती है. पद्म पुरस्कार विजेताओं को भारत के राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाता है. दिलचस्प बात यह है कि इस साल किसी क्रिकेटर को नहीं चुना गया है.
खेल श्रेणी से पद्म श्री -
पी अनीता: भारत की पूर्व बास्केटबॉल कप्तान अनीता ने करीब दो दशकों तक राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व किया. वह नौ एशियाई चैम्पियनशिप में भारत के लिए खेलने वाली महिला खिलाड़ी का रिकॉर्ड भी रखती हैं.
मौमा दास: टेबल टेनिस खिलाड़ी मौमा ने 2013 में अर्जुन पुरस्कार हासिल किया. दो बार की ओलंपियन मौमा ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में टीम गोल्ड सहित कई कॉमनवेल्थ गेम्स पदक जीते हैं.
अंशु जामसेनपा: वह पांच दिनों में दो बार माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली दुनिया की पहली महिला मानी जाती हैं. वह पांच बार विश्व की सबसे ऊंची चोटी की फतह करने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं.
सुधा सिंह: 3,000 मीटर स्टीपलचेज में राष्ट्रीय रिकॉर्ड रखने वाली सुधा के नाम एशियाई खेलों में स्वर्ण सहित कई महाद्वीपीय पदक हैं. उन्होंने 2012 और 2016 के ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया.
वीरेंद्र सिंह: फ्रीस्टाइल पहलवान वीरेंद्र Deaflympics में तीन स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीतने में कामयाब रहे. उन्हें 2015 में अर्जुन पुरस्कार मिला.
केवाई वेंकटेश: पैरा स्पोर्ट्स में वेंकटेश ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया है. उन्होंने World Dwarf Games सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय पैरा-खेल प्रतियोगिताओं में कई पदक हासिल किए हैं.
माधवन नांबियार: 89 साल के माधवन नांबियार लंबे समय तक पीटी उषा के कोच रहे. उषा ने 1984 के लॉस एंजिलिस ओलंपिक में 400 मीटर बाधा दौड़ में चौथा स्थान हासिल किया और एशियाई खेलों में कई पदक जीते.