बल्लेबाजी में खराब शुरुआत के बावजूद इंग्लैंड पर सबसे बड़ी जीत दर्ज करने से उत्साहित भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने जीत का श्रेय पूरी टीम को दिया लेकिन स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और रविंदर जडेजा की विशेष तारीफ की जिन्होंने उन्हें ‘गलत साबित’ किया.
धोनी ने भारत की दूसरे वनडे में 127 रन से जीत के बाद कहा, ‘प्रत्येक ने अच्छा प्रदर्शन किया. हमारी शुरुआत अच्छी नहीं रही. सलामी बल्लेबाजों को मुश्किलें हुई लेकिन युवराज और विराट कोहली ने हमारे लिये मंच तैयार किया.’
उन्होंने कहा, ‘यह ऐसा विकेट लग रहा था जो सपाट हो सकता है. हमें लगा था कि यह सूख जाएगा और स्पिनरों को इससे अधिक टर्न नहीं मिलेगा. अच्छा है कि मैं गलत साबित हुआ और हमारे स्पिनरों को टर्न मिला.’
जडेजा और अश्विन ने मिलकर पांच विकेट लिये और भारत को बड़ी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभायी. धोनी ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी के फैसले को सही ठहराया. उन्होंने कहा, ‘‘जब शुरू में तेज गेंदबाजों को इससे थोड़ा मदद मिल रही थी तब वह समय गुजारना महत्वपूर्ण था. यह ऐसा विकेट नहीं था जिस पर टास जीतकर आप पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला करो. जिम्मेदारी बल्लेबाजों की थी.’
भारतीय कप्तान ने कहा कि एक समय उन्होंने 250 रन के करीब लक्ष्य देने के बारे में सोचा था. उन्होंने कहा, ‘‘शुरू में जब मैं और रैना खेल रहे थे हम 240 या 250 रन तक पहुंचने के बारे में सोच रहे थे. इसके बाद जब हम जम गये तो हम 260 का लक्ष्य देने के बारे में सोचने लगे. हमने 15 रन अधिक बनाये.’
धोनी ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह विकेट टेस्ट मैच के लिये आदर्श था. इससे तेज गेंदबाज भी फायदा उठाते तथा स्पिनरों के लिये भी टर्न था जैसा कि हम चाहते थे.’
भारत और इंग्लैंड के बीच अगला मैच 19 जनवरी को धोनी के गृहनगर रांची में खेला जाएगा और भारतीय कप्तान इससे काफी उत्साहित हैं. धोनी ने कहा, ‘अगला मैच मेरे शहर में होगा और वह बहुत खास होगा. यहां के दर्शक वास्तव में बेजोड़ थे लेकिन यहां की गर्मी और उमस भी नहीं भूलायी जा सकती.’ केरल के तेज गेंदबाज एस श्रीसंत ने कल अभ्यास के दौरान गेंदबाजी की. धोनी ने कहा, ‘यह अच्छा है कि श्रीसंत फिट है.’
धोनी ने स्वीकार किया, भारतीय टीम में बीते समय की आक्रामकता अब नहीं है
भारत ने दूसरे वनडे में इंग्लैंड पर शानदार जीत दर्ज कर फार्म में वापसी की लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने स्वीकार किया कि उनकी टीम में बीते समय की आक्रामकता मौजूद नहीं है, जब उन्होंने मेहमान टीम को घरेलू सरजमीं पर पिछली दो श्रृंखलाओं में वाइटवाश किया था.
भारत ने 2008 और 2011 वनडे श्रृंखलाओं में घरेलू सरजमीं पर इंग्लैंड को 5-0 से शिकस्त दी थी लेकिन धोनी ने कहा कि उनकी टीम अब उतनी मजबूत नहीं है क्योंकि उनकी गेंदबाजी में आक्रामकता की कमी है और शीर्ष बल्लेबाज रन बनाने में जूझ रहे हैं.
धोनी ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘ऐसा बीते समय में हो चुका है, लेकिन इसका मतलब यह नही है कि इस श्रृंखला में भी ऐसा ही होगा. हमारे पास चिंता करने के चीजें हैं. हां, पिछली बार हम बल्लेबाजी इकाई के रूप में खेले थे और हमारे गेंदबाज भी काफी अनुभवी थे जो जानते थे कि पावरप्ले और अंतिम ओवरों में क्या करना है और नयी गेंद का इस्तेमाल कैसे करना है.’