भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में 317 रनों से करारी शिकस्त झेलने वाले इंग्लैंड के खिलाड़ियों की रोटेशन नीति की आलोचना के बीच कोच क्रिस सिल्वरवुड ने कहा कि खिलाड़ियों से यह कहना ‘काफी मुश्किल’ है कि ‘इंडियन प्रमियर लीग’ में नहीं खेलें.
इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने सभी प्रारूपों में खेलने वाले खिलाड़ियों खासकर बेन स्टोक्स, जोस बटलर, जॉनी बेयरस्टो, मोईन अली को भारत और श्रीलंका के दौरे पर रोटेशन नीति के तहत टीम में शामिल करने का फैसला किया.
सिल्वरवुड से चेन्नई में जब टेस्ट मैचों की तुलना में आईपीएल को तव्वजो दिए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ियों को यह सुझाव देना बहुत मुश्किल है कि आप आईपीएल नहीं खेल सकते. अगर आप सिर्फ नंबर (कमाई) देखते हैं तो आप ऐसा नहीं कह सकते. आईपीएल टी20 दुनिया में एक शीर्ष टूर्नामेंट है और इसलिए यह बहुत मुश्किल है.’
रोटेशन नीति के तहत स्टोक्स और जोफ्रा आर्चर श्रीलंका दौरे पर नहीं गए थे, जबकि बटलर और मोईन अली भारत दौरे पर क्रमश: पहले और दूसरे टेस्ट के बाद इंग्लैंड वापस लौट गए. बेयरस्टो और मार्क वुड टीम के साथ जुड़े हैं, तो वहीं आर्चर सीमित ओवरों की सीरीज से पहले स्वदेश लौट सकते है, जबकि बटलर फिर से टीम से जुड़ सकते है.
उनसे जब पूछा गया कि बहुत सारे खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया में बिग बैश लीग से नाम वापस ले लिया, लेकिन आईपीएल में खेलने के लिए वे टेस्ट मैचों में रोटेशन नीति का सहारा ले रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह कोई मुद्दा है, क्योंकि खिलाड़ियों के शीर्ष स्तर के टी20 क्रिकेट में खेलने से हमें फायदा होता है. इससे खिलाड़ियों को भी काफी फायदा होता है. जाहिर है खिलाड़ी इन टूर्नामेंटों (आईपीएल, बीबीएल, सीपीएल) को लेकर खुद मन बनाना होता है. वे वहां खेलने जाते है लेकिन इससे हमें भी फायदा होता है.'
स्टोक्स, आर्चर, क्रिस वोक्स जैसे खिलाड़ियों को आईपीएल फ्रेंचाइजियों ने बरकरार रखा है, जबकि मोईन अली, डेविड मलान के साथ 15 अन्य खिलाड़ी गुरुवार को होने वाली नीलामी का हिस्सा होंगे.