दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज विजेंदर सिंह (75 किग्रा) ने केवल पांच मिनट में आसान जीत दर्ज करके एशियाई रजत पदक विजेता जय भगवान (60 किग्रा) और दिलबाग सिंह (69 किग्रा) के साथ राष्ट्रमंडल खेलों की मुक्केबाजी प्रतियोगिता के क्वार्टर फाइनल में जगह बनायी.
ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और ओलंपिक रजत पदक विजेता निशानेबाज राज्यवर्धन सिंह राठौड़ सहित कई सैकड़ों दर्शकों निराश नहीं किया और कीनिया के डिक ओमबाका को दो राउंड से भी कम में शिकस्त देकर अंतिम आठ में प्रवेश किया जहां उनका मुकाबला नामीबिया के इलियास नाशिवेला से होगा.
हरियाणा के इस 24 वर्षीय मुक्केबाज ने हमेशा की तरह पहले सतर्कता बरती लेकिन एक बार अपने प्रतिद्वंद्वी को समझने के बाद उन्होंने दनादन घूंसे बरसाने शुरू कर दिये और ओमबाका को उबरने का कोई मौका नहीं दिया.
विजेंदर की यह बाउट सीजीएफ सीईओ माइक हूपर और आयोजन समिति के महासचिव ललित भनोट ने भी देखी. इस मुक्केबाज ने बाद में कहा, ‘मुझे पता था कि आज यहां काफी दर्शक पहुंचेंगे. राहुल गांधी भी दर्शकों में शामिल थे इसलिए यह मेरे लिये खास था.’{mospagebreak}
कीनियाई मुक्केबाज कोई रणनीति नहीं बना पाया जिसका विजेंदर ने पूरा फायदा उठाया. दूसरे राउंड में जब केवल एक मिनट हुआ था तब रेफरी के पास मुकाबला रोककर भारतीय को विजेता घोषित करने के अलावा कोई चारा नहीं था.
विजेंदर ने कहा, ‘मुझे अपनी लंबाई का फायदा मिला. मैंने पहले दौर में रक्षात्मक रवैया इसलिए अपनाया क्योंकि अपने प्रतिद्वंद्वी को समझना महत्वपूर्ण होता है. मेरे लिये अगला मुकाबला कड़ा है और आज की जीत से मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है.’ इससे पहले आज सुबह जय भगवान क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले चौथे भारतीय मुक्केबाज बने. उन्होंने तंजानिया के नासेर माफुरू को 11-2 से हराया.
इससे पहले अमनदीप सिंह (49 किग्रा), सुरंजय सिंह (52 किग्रा) और मनोज कुमार ने कल प्री क्वार्टर फाइनल में जीत दर्ज की थी.{mospagebreak}
हरियाणा के 24 वर्षीय जय भगवान को पहले राउंड में माफुरू के आक्रामक तेवरों का सामना करना पड़ा लेकिन बाउट आगे बढ़ने के साथ वह अपने प्रतिद्वंद्वी पर हावी होते गये. पहले दौर में 3-1 से बढ़त बनाने वाले जय भगवान ने अच्छी तरह से रक्षण किया और काउंटर अटैक से अंक जुटाये.
जय भगवान ने भी कहा कि उन्हें कद लंबा होने का फायदा मिला. उन्होंने कहा, ‘मेरी लंबाई मेरे काम आयी. वह आक्रामक होकर खेल रहा था और मुझे शुरू से ही खुद को बचाने के लिये रक्षात्मक रणनीति अपनानी पड़ी.’