भारतीय मुक्केबाजी के पोस्टर ब्वॉय विजेंदर सिंह ने एल सरिता देवी का बचाव करते हुए कहा कि एआईबीए को उन पर प्रतिबंध लगाने की बजाय अपने अधिकारियों की समीक्षा करनी चाहिए. अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष चिंग कुओ वू ने कहा है कि सरिता को कड़ी सजा दी जाएगी और उसे अपना करियर खत्म ही मान लेना चाहिए.
अस्थायी निलंबन के कारण रविवार से शुरू हो रही वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप से बाहर सरिता ने इंचियोन एशियन गेम्स में सेमीफाइनल में विवादित हार के बाद ब्रॉन्ज मेडल लेने से इनकार कर दिया था. विजेंदर ने कहा, 'मैं समझ सकता हूं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया? एक मुक्केबाज होने के नाते मुझे पता है कि इस तरह से मेडल से वंचित किया जाना कैसा लगता है. यह निराशाजनक हार को लेकर जज्बाती प्रतिक्रिया थी.'
सरिता अपनी हरकत के लिये बिना शर्त माफी मांग चुकी हैं. तीन कोचों को भी उन पर लगाए गए अस्थायी निलंबन पर फैसले का इंतजार है, जिनमें राष्ट्रीय पुरुष टीम के कोच गुरबख्श सिंह संधू शामिल हैं.
उन्होंने कहा, 'एशियाई खेलों जैसे बड़े टूर्नामेंट की तैयारी में चार साल लगते हैं, लेकिन इस तरह से हारना काफी दर्दनाक है. कोई भी निराश होगा और टूट जाएगा. मैं पूरी तरह से सरिता के साथ हूं.'
भारत के पहले ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडलिस्ट विजेंदर ने कहा कि एआईबीए को अपने जजों और रेफरियों की समीक्षा करनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'हम खिलाड़ियों को काफी मेहनत और तकदीर के सहारे ऐसे टूर्नामेंट खेलने का मौका मिलता है. एआईबीए को सुनिश्चित करना चाहिए कि हमें सर्वश्रेष्ठ रेफरी और जज मिलें. उनकी समीक्षा की जानी चाहिए. एआईबीए को चाहिए कि सरिता को माफ करके बेहतर व्यवस्था मुहैया कराने की दिशा में काम करे.'
इनपुटः भाषा से