विकास गौड़ा ने भारत को चक्का फेंक जबकि एम प्रजूषा ने लंबी कूद में रजत पदक दिलाये जिससे मेजबान ने राष्ट्रमंडल खेलों की एथलेटिक्स स्पर्धा के पांचवें दिन अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया.
प्रजूषा मामूली अंतर से स्वर्ण पदक और इतिहास रचने से चूक गई जबकि अमेरिका में बसे गौड़ा यहां जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में 50,000 दर्शकों के बीच 63.69 मीटर की दूरी तक चक्का फेंककर दूसरे स्थान पर रहे जो उनका सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. वह हालांकि 64.96 मीटर के उनके राष्ट्रीय रिकार्ड से काफी कम है.
आस्ट्रेलिया के बेन हार्डिन ने 65.45 मीटर की दूसरी के साथ स्वर्ण जीता जबकि कार्ल मायर्सकफ को 60.64 मीटर के साथ कांस्य पदक मिला. साठ हजार की क्षमता वाला स्टेडियम वीआईपी ग्रैंडस्टैंड को छोड़कर दर्शकों ने खचाखच भरा था जिन्होंने सभी छह प्रयासों में 27 वर्षीय गौड़ा का जमकर उत्साह बढ़ाया.
गौड़ा ने रजत जीतने के बाद कहा, ‘मैं खुश हूं लेकिन मैं स्वर्ण पदक जीतना चाहता था. यहां अच्छी प्रतिस्पर्धा थी और मैं अब अगली बार सोने का तमगा जीतने की कोशिश करूंगा. मेरा अगला लक्ष्य एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतना है और ओलंपिक पदक हमेशा से ही मेरा लक्ष्य रहा है. यह इस दिशा में मजबूत कदम है.’
दूसरी तरफ प्रजूषा मामूली अंतर से स्वर्ण पदक से चूक गयी. वह 6.47 मीटर की कूद के साथ पांचवें प्रयास तक शीर्ष पर चल रही थी लेकिन कनाडा की एलिस फलासी ने छठे और अंतिम प्रयास में 6.50 मीटर की कूद के साथ उन्हें पीछे छोड़ दिया.{mospagebreak}
कनाडा की ही ताबिया चार्ल्स 6.44 मीटर की कूद के साथ तीसरे स्थान पर रही. प्रजूषा ने चौथे प्रयास में 6.47 मीटर की कूद लगाई लेकिन वह पांचवें प्रयास में फाउल कर गई जबकि छठे प्रयास में 6.26 मीटर की दूरी ही तय कर सकी. एलिस पांचवें प्रयास तक 6.44 मीटर के साथ दूसरे स्थान पर थी लेकिन वह अंतिम प्रयास में बाजी मार गई.
प्रजूषा ने बाद में कहा, ‘मेरी बायीं पिंडली की मांसपेशियों में दर्द हो रहा था जिसके कारण मैं अपनी अंतिम दो कूद सही तरह से नहीं लगा पाई. यह सिर्फ प्रतियोगिता थी. यह मेरा और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं है. मैं हमेशा अंत तक प्रतिस्पर्धा देना चाहती हूं.’
भारत की मयूखा जानी और रेश्मी बोस को हालांकि निराशा हाथ लगी. मयूखा 6.30 मीटर के प्रयास के साथ छठे जबकि रेश्मी 6.26 मीटर की कूद के साथ सातवें स्थान पर रही.
इससे पहले कविता राउत (महिलाओं की 10 हजार मीटर) और हरमिंदर सिंह (पुरुषों की 20 किलोमीटर पैदल चाल) भी एथलेटिक्स में भारत के लिए कांस्य पदक जीत चुके हैं.