माना जा रहा है कि टीम इंडिया में सचिन तेंदुलकर की कमी कोई पूरी कर सकता है तो वो विराट कोहली ही हैं. कोहली भी बल्ले के दम पर अपना कद और 'विराट' करते जा रहे हैं. कोहली ने गुरुवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ 86 रनों की पारी के साथ एक नया रिकॉर्ड भी बना डाला.
3 वनडे मैचों की सीरीज के पहले मैच में इस अर्धशतकीय पारी के साथ कोहली ने महान कैरेबियाई बल्लेबाज विव रिचर्ड्स के रिकॉर्ड की बराबरी कर डाली. वनडे क्रिकेट में सबसे कम पारियों में 5000 रनों तक पहुंचने का रिकॉर्ड अभी तक रिचर्ड्स के नाम पर दर्ज था लेकिन अब कोहली ने भी ये कारनामा कर दिखाया है.
120 वनडे मैचों की 114 पारियों में बनाया रिकॉर्ड
अपने तीखे तेवरों के लिये मशहूर कोहली ने 120वें वनडे मैच खेले हैं इस दौरान उन्होंने 114 पारी में बल्लेबाजी की. रिचर्ड्स ने भी 30 जनवरी 1987 को इंग्लैंड के खिलाफ मेलबर्न में अपनी 114वीं पारी में 5000 रन पूरे किये थे. इस तरह सबसे कम पारियों में इस मुकाम पर पहुंचने का रिकॉर्ड संयुक्त रूप से कोहली और रिचर्ड्स के नाम पर दर्ज हो गया है. यह अलग बात है कि जब रिचर्ड्स ने यह उपलब्धि हासिल की थी तो उनके नाम पर केवल आठ शतक दर्ज थे जबकि कोहली अब तक 17 शतक लगा चुके हैं.
कोहली ने तोड़ा गांगुली का रिकॉर्ड
कोहली ने भारत की तरफ से सबसे कम पारियों में 5000 रन पूरे करने का सौरव गांगुली का रिकॉर्ड तोड़ा. गांगुली 126 पारियों में इस मुकाम पर पहुंचे थे. कोहली वनडे में 5000 रन पूरे करने वाले दसवें भारतीय बल्लेबाज हैं. उनसे पहले सचिन तेंदुलकर (18426 रन), गांगुली (11,221 रन), राहुल द्रविड़ (10,768 रन), मोहम्मद अजहरुद्दीन (9378 रन), युवराज सिंह (8246), वीरेंद्र सहवाग (7995 रन), महेंद्र सिंह धोनी (7616 रन), अजय जडेजा (5359 रन) और गौतम गंभीर (5238 रन) यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं.
रिचर्ड्स के रिकॉर्ड की बराबरी कर कोहली को मिली 'विराट' खुशी
रिचर्ड्स के साथ रिकॉर्ड साझा करके विराट बहुत खुश हैं लेकिन वह कभी रिकॉर्ड बनाने की सोचकर बल्लेबाजी नहीं करते. विराट ने कहा, ‘मुझे पिछले वनडे मैच में बेंगलुरु में (रिकॉर्ड बनने के बारे में) कहा गया था, लेकिन मुझे वाकई यह याद नहीं था क्योंकि मैं रिकॉर्ड के बारे में सोचकर नहीं खेलता. मुझे अपने आप से कहना है कि अगर तुम अच्छी बल्लेबाजी करते हो तो रास्ते में ये मील के पत्थर आते रहेंगे.’
'अभी तो बस शुरुआत है'
विराट ने कहा, ‘उनके (विव रिचर्ड्स) जैसे खिलाड़ी के रिकॉर्ड से बराबरी करना बहुत अच्छा लगता है लेकिन यह यहीं नहीं रुक जाता क्योंकि कुल मिलाकर यह शुरुआत है.’