मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से तो विराट कोहली की तुलना काफी समय से की जा रही है लेकिन न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान मार्टिन क्रो ने तो यहां तक कह डाला कि तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीरेंद्र सहवाग का मिक्सचर हैं विराट. क्रो की माने तो विराट टीम के रिकंस्ट्रक्शन की धुरी हैं, जिन्हें एक अच्छा कप्तान और लाखों का रोलमॉडल बनना सीखना होगा.
थ्री इन वन हैं विराट कोहली...
क्रो के मुताबिक- कई मायने में यह युवा (कोहली) सहवाग, तेंदुलकर और द्रविड़ का मिला-जुला रूप है. इन सभी से सीखकर वह खुद को तैयार कर रहा है. वह अगला महान खिलाड़ी है. उसमें द्रविड़ की गंभीरता, सहवाग की आक्रामकता और सचिन की असाधारण रेंज है.
'बिग थ्री' की कमी पूरी करने में जुटे खिलाड़ी
क्रो ने कहा- फिलहाल वह टीम के रिकंस्ट्रक्शन की धुरी है, जबकि 'बिग थ्री' की कमी पूरी करने आए खिलाड़ी संघर्ष कर रहे हैं. वह बल्लेबाजी क्रम का अगुवा है और उस पर बड़ी जिम्मेदारी है.
शिष्य से गुरू की जमात में आए कोहली
उन्होंने कहा कि आईपीएल के पहले सत्र में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के कोच के रूप में उन्होंने युवा कोहली को देखा था, जो जल्दी ही शिष्य से गुरू की जमात में आ गया है. क्रो के अनुसार- कई मायनों में वह जीवन के सार को समझ गया है. प्यार, कर्म और सीखने की कोशिश और वह भी काफी तेज. वह काफी तेजी से शिष्य से गुरू की श्रेणी में आ गया है और अगला चरण उस्ताद बनने का होगा और वह बनेगा.
कोहली की एकाग्रता ही उसकी महानता
क्रो ने कहा- मैंने 19 बरस के कोहली को 2008 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के लिए पहला आईपीएल खेलते देखा था. वह सीख रहा था और बल्लेबाजी को लेकर उसकी दुविधाएं थी. मैंने उसे सीधे खेलने और शॉट चयन में चालाकी बरतने को कहा. उन्होंने कहा कि कोहली की एकाग्रता ही उसकी महानता है और आने वाले समय में वह काफी उपलब्धियां हासिल करेगा. उसकी एकाग्रता बेजोड़ है.
कोहली के अंदर एक आग है
क्रो ने कहा- वह कई बार जज्बाती हो जाता है शायद दिल्ली में पला-बढ़ा होने के कारण. उसके भीतर एक आग है. वह लड़ने को तत्पर रहता है और कई बार अधिकारियों से भी भिड़ जाता है. नियंत्रित आक्रामकता उतनी भी बुरी नहीं है. वह जल्दी ही सीख जाएगा कि सही मायने में अगुवा और लाखों का रोलमॉडल बनने के लिए उसे संयम रखना होगा. यह अहम सबक उसने सचिन और द्रविड़ से सीखा होगा, लेकिन अभी भी उसकी बेचैनी हावी है. किसी को उसे सही मार्गदर्शन देना होगा.