टीम इंडिया के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की भारतीय टीम में वापसी को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है. इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज ज्योफ्री बायकाट ने कहा कि वीरेंद्र सहवाग का दोबारा भारत के लिये खेलना संभव नहीं है और टी-20 लीग 6 में कुछ मैच खेलने के बाद ‘दुखद रूप से उसकी विदाई’ हो जायेगी.
सहवाग को हाल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में अंतिम दो टेस्ट मैचों की टीम से बाहर कर दिया गया था, उन्हें चैम्पियंस ट्राफी के लिये चुने गये 30 संभावित खिलाड़ियों की सूची में भी शामिल नहीं किया गया.
बायकाट ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि वह दोबारा खेलेगा. मुझे ऐसा इसलिये लगता है क्योंकि भारतीय टीम सही दिशा में आगे बढ़ रही है. उन्हें यहां तक पहुंचने के लिये थोड़ा समय लगा. उन्होंने अब युवा खिलाड़ियों को मौका दिया है.’
अप्रैल 2012 के बाद से आठ टेस्ट मैचों में सहवाग 31.38 के औसत से केवल 408 रन ही बना सके हैं जिसमें 117 रन सर्वश्रेष्ठ थे. इसी दौरान छह वनडे मैचों में उन्होंने 30.5 के औसत से 183 रन बनाये थे और इंग्लैंड के खिलाफ वनडे श्रृंखला के लिये उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था.
सहवाग ने वनडे में शतक दिसंबर 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ दोहरा शतक लगाकर बनाया था. बायकाट ने कहा कि भारत ने राष्ट्रीय टीम में युवा खिलाड़ियों को शामिल करके सही चीज की है.
उन्होंने कहा, ‘इंग्लैंड से हारने के बाद मैं लगातार कह रहा था कि आपको इन युवा बल्लेबाजों को मौका देना चाहिए. आपको उन्हें टीम में शामिल कर विश्व कप के लिये अपनी टीम तैयार करनी चाहिए. मेरे इस विचार में कोई बदलाव नहीं हुआ. आप वनडे में विश्व चैम्पियन हो, आपको आगे बढ़ना चाहिए. यह मायने नहीं रखता कि आप कौना हो, मैं हमेशा कहता हूं कि उम्र कोई बाधा नहीं है, सिर्फ प्रदर्शन अहम होता है.’
बायकाट ने कहा कि सहवाग पिछले 20 वर्षों के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक हैं और रक्षात्मक तकनीक ही उनकी एकमात्र खामी है. उन्होंने कहा, ‘वह अपने ही तरीके से खेलता है और कभी कभार कुछ पिचों पर काफी सफल भी रहा है. लेकिन जब गेंद ज्यादा मूव करती है और इसमें ज्यादा उछाल होता है तो उसकी रक्षात्मक तकनीक का खुलासा हो जाता है. लेकिन सहवाग ने अपने तरीके से खेलते हुए ही रन बनाये हैं.’