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कम से कम पांच साल टीम इंडिया को नंबर-1 देखना चाहता हूं: विराट कोहली

टीम इंडिया के नए टेस्ट कप्तान विराट कोहली वर्ल्ड क्रिकेट पर दबदबा कायम करना चाहते हैं वो यह भी चाहते हैं कि यह दबदबा अगले पांच साल तक कायम रहे. कोहली ने कहा कि वह ऐसी टीम बनाना चाहते हैं जो कम से कम अगले पांच साल तक वर्ल्ड क्रिकेट के टॉप पर बनी रहे.

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टीम इंडिया के नए टेस्ट कप्तान विराट कोहली
टीम इंडिया के नए टेस्ट कप्तान विराट कोहली

टीम इंडिया के नए टेस्ट कप्तान विराट कोहली वर्ल्ड क्रिकेट पर दबदबा कायम करना चाहते हैं वो यह भी चाहते हैं कि यह दबदबा अगले पांच साल तक कायम रहे. कोहली ने कहा कि वह ऐसी टीम बनाना चाहते हैं जो कम से कम अगले पांच साल तक वर्ल्ड क्रिकेट के टॉप पर बनी रहे.

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कोहली को टेस्ट की कप्तानी महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास के बाद दी गई. इसी साल जनवरी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज के दौरान तीसरे टेस्ट के तुरंत बाद धोनी ने टेस्ट से संन्यास ले लिया. इसके बाद कोहली को टीम इंडिया की बागडोर सौंप दी गई. कोहली ने कहा कि वह टीम में दोस्ताना माहौल बनाना चाहते हैं.

कोहली ने espncricinfo.com को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘मैं चाहता हूं कि भारतीय टीम कम से कम पांच या छह साल तक दबदबा बनाए रखे. उन्होंने कहा, ‘हमारे पास प्रतिभा और क्षमता की कमी नहीं है. सवाल बस ये है कि आप उनसे तालमेल कैसा बनाते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘मैं टीम के सदस्यों के बीच मजबूत दोस्ताना माहौल बनाना चाहता हूं. हम साल में 250-280 दिन साथ रहते हैं, लिहाजा मैं ऐसा माहौल बनाना चाहता हूं कि अगले दस साल तक बाहर से देखने पर लगे कि यह टीम पूरी तरह से एकजुट है. यह एक दूसरे के लिए खेलना चाहती है. खिलाड़ी सिर्फ अपने लिए नहीं खेलते. यह मेरी सोच है.’

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कोहली आक्रामक क्रिकेट में विश्वास करते हैं और हर हाल में जीतने की कोशिश करना चाहते हैं चाहे अंत में ड्रॉ करने के लिए भी संघर्ष क्यों न करना पड़े. वो एक तरह की क्रिकेट खेलना चाहते हैं. बांग्लादेश के दौरे पर वो बतौर टेस्ट कप्तान जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें किसी भी प्रकार की असुरक्षा भावना या संदेह से मुक्त रखना चाहता हूं. अगर आप फील्ड में ऑस्ट्रेलिया को खेलते देखें तो आप निश्चित तौर पर चाहेंगे कि ऐसी ही टीम हमारी भी हो. वो एक यूनिट के रूप में खेलते हैं. उन्हें हराने के लिए हमें अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा. और मैं यही भारतीय क्रिकेट में होते देखना चाहता हूं. हमें हराने के लिए टीमें तरसें, ये मैं चाहता हूं. ये बस माइंडसेट की बात है. कभी-कभी हम उस जोन में पहुंच जाते हैं जहां हमारी सोच सही नहीं कर रही होती.’

कोहली याद करते हैं उस दिन को जब उन्होंने बतौर कप्तान टीम को संबोधित किया था, यह बात ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहले टेस्ट से ठीक पहले की है, ‘होटल में यह मीटिंग मैनेजर के कमरे में हुई थी. मैंने लड़कों से कहा कि अगर आपमें से कोई इस माइंडसेट के साथ ऑस्ट्रेलिया जा रहा है कि मुझे वहां दो शतक लगाने हैं या दो-तीन बार पारी में पांच विकेट लेने हैं तो यह अपने दिमाग से निकाल दे. अगर आप बेहतर हैं, आपमें क्षमता है तो आप वहां जीत या हार की लड़ाई लड़ेंगे. ड्रॉ करना मुझे अंतिम विकल्प दिखता है. मुझे जीतने के लिए रिस्क उठाने से परहेज नहीं है, चाहे इसकी वजह से हार ही क्यों न हो. मैं चाहता हूं कि आप आक्रामक क्रिकेट खेलें.’

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कोहली ने ऑस्ट्रेलियाई दौरे के पहले एडिलेड टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जड़ा. पहला टेस्ट जीतने की कोशिश में टीम हार गई और दौरे के अंतिम टेस्ट से ठीक पहले धोनी के रिटायरमेंट की वजह से चौथे टेस्ट के लिए कोहली को कप्तान नियुक्त कर दिया गया.

कोहली ने कहा, ‘मैं यह नहीं सोच पा रहा था कि मैं टेस्ट में कप्तानी बना दिया गया हूं.’ उस दिन की इस घटना को याद करते हुए कोहली ने कहा, ‘माहौल कुछ शांत होने पर मैं अपने कमरे में गया. अनुष्का, जो वहां सीरीज देखने आई थीं, वहां थीं और मैंने उसको इस बारे में बताया. वो भी इससे अचंभित थी कि यह सब इतना अचानक कैसे हो गया. उसने (धोनी ने) ऐसा क्यों किया? मैं टीम इंडिया का स्थाई कप्तान बनने जा रहा हूं यह सोच कर कुछ देर तक हम दोनों खामोश रहे और तभी मैं रो पड़ा क्योंकि मैंने कभी ये सोचा नहीं था. ईमानदारी से, जब मैंने खेलना शुरू किया तो कभी सोचा नहीं था कि टीम इंडिया की कप्तानी करूंगा. मेरा सपना बस देश के लिए क्रिकेट खेलने का था. अब सब कुछ सोचता हूं कि कैसे बचपन में क्रिकेट, क्लब क्रिकेट, स्कूल क्रिकेट, स्टेट क्रिकेट सभी यादें एक साथ आ रही हैं. यह अवास्तविक था.’

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