क्या रोहित शर्मा अपने पहले टेस्ट मैच में दोहरा शतक जड़ सकते थे? क्या रोहित शिखर धवन के 187 रन का रिकॉर्ड ढेर कर सकते थे? ऐसा संभव होता कि अगर अंपायर रिचर्ड कैटलब्रॉ ने उन्हें 177 रन के निजी स्कोर पर एलबीडबल्यू नहीं करार दिया होता.
अंपायर ने रोहित शर्मा को 177 रन आउट तो करार दिया पर उनसे इस फैसले पर भी सवाल उठ रहे हैं. आपको बता दें कि इससे पहले कोलकाता टेस्ट मैच की पहली ही पारी में सचिन तेंदुलकर को जिस तरह से अंपायर नाइजल लॉन्ग ने आउट करार दिया उसे लेकर जमकर विवाद हुआ और अब रोहित शर्मा.
रोहित के साथ बेईमानी हुई, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि टीवी रिप्ले से सामने आए तथ्य अंपायर के फैसले के खिलाफ जाते हैं.
दरअसल, भारतीय पारी का 124वां ओवर था. गेंदबाजी का जिम्मा बायें हाथ के धीमी गति के गेंदबाज वीरसामी परमॉल के पास थी. उनके इस ओवर की पहली गेंद रोहित शर्मा के पैड से जा टकराई. इस दौरान रोहित शर्मा गेंद को खेलने का प्रयास नहीं कर रहे थे, बल्ला पैड के पीछे था. अंपायर ने उन्हें एलबीडबल्यू करार दिया. हालांकि गेंद जब रोहित के पैड से टकराई उस वक्त वे ऑफस्टंप के लाइन से बाहर थे पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कई ऐसा मौके आएं जब अंपायर ने खिलाड़ियों को इसलिए एलबीडबल्यू आउट दे दिया क्योंकि वे शॉट नहीं खेल रहे थे और गेंद उनके पैड से जा टकराई थी लेकिन उस स्थिति में गेंद को हर हाल में स्टंप पर जाना होता है. जबकि रोहित शर्मा के विकेट में ऐसी स्थिति में नहीं थी. गेंद ऑफ स्टंप पर टप्पा खाई थी और बाहर की ओर जा रही थी. यानी गेंद के स्टंप पर लगने की संभावना बेहद कम थी.
रोहित इस फैसले के बाद कुछ पल के लिए विकेट पर रुके रहे और फिर निराश कदमों से पैवेलियन की राह ली. रास्ते में वो कुछ बुदबुदा भी रहे थे. जाहिर था कि वह अंपायर के फैसले से बेहद नाराज थे.