भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने स्वीकार किया कि पहले एकदिवसीय मैच में इंग्लैंड की पारी के दौरान आखिरी दो ओवर में 38 रन लुटाना टीम को महंगा पड़ा.
मैच के बाद धोनी की प्रेस कान्फ्रेंस बेहद संक्षिप्त रही क्योंकि सौराष्ट्र क्रिकेट संघ ने बिजली गुल कर दी थी. धोनी ने अपनी टीम की नौ रन की हार के बाद कहा कि हां हमने आखिरी दो ओवरों में काफी रन लुटाये. बल्लेबाजी में हमने अच्छी शुरुआत की थी लेकिन उन पर दबाव बनाने के लिये अंतिम दस ओवरों में हमारे पास पर्याप्त विकेट नहीं थे. यदि मैं दो ओवर और टिके रहता तो परिस्थितियां कुछ और होती.
एससीए के अधिकारियों ने पुरस्कार वितरण समारोह के बाद भी उपस्थित दर्शकों के लिये ध्वनि और लेजर शो आयोजित करने के लिये स्विच आफ कर दिये थे. धोनी ने तब तक कुछ सवालों के जवाब दिये थे जबकि बिजली गुल कर दी गयी जिसके कारण भारतीय कप्तान को भी कहना पड़ा कि क्या यहीं पर समाप्त कर दें.
विजेता इंग्लैंड टीम के कप्तान एलिस्टेयर कुक मीडिया को संबोधित ही नहीं कर पाये. भारतीय तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ने 49वें ओवर में 20 रन जबकि भुवनेश्वर कुमार ने आखिरी ओवर में 18 रन लुटाये थे.
जब एक स्थानीय पत्रकार ने पूछा कि क्या टीम प्रबंधन ने रन मशीन चेतेश्वर पुजारा को बाहर बिठाकर गलत फैसला किया तो धोनी ने ‘ना’ में जवाब दिया. उन्होंने कहा कि जैसा मैंने कहा कि हमें कुछ विकेट बचाये रखने की जरूरत थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. यदि मैं दो ओवर और टिक जाता तो स्थिति अलग होती.