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भारोत्तोलक सनामाचा चानू डोपिंग में फंसी

सनामाचा चानू पिछले महीने हुए नाडा के डोप टेस्ट में पाजीटिव पाई गईं. भारत कुछ समय पहले ही अंतराष्ट्रीय प्रतिबंध से बचा है जिसके कारण वह राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने से भी वंचित को सकता था.

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भारतीय भारोत्तोलक फिर डोपिंग विवाद में फंस गये जब 53 किग्रा वर्ग की भारोत्तोलक सनामाचा चानू पिछले महीने हुए नाडा के डोप टेस्ट में पाजीटिव पाई गईं. भारत कुछ समय पहले ही अंतराष्ट्रीय प्रतिबंध से बचा है जिसके कारण वह राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने से भी वंचित को सकता था.

देश की सबसे सफल महिला भारोत्तोलकों में शुमार चानू प्रतिबंधित पदार्थ मिथाइलहेक्सानिएमाइन के लिए पाजीटिव पाई गई हैं जो 2004 एथेंस ओलंपिक में पकड़े जाने के बाद उनका दूसरा अपराध है.

अब अगर चानू का ‘बी’ नमूना भी पाजीटिव पाया जाता है और वह नाडा अपीली पैनल के समक्ष खुद को निर्दोष साबित करने में विफल रहती है तो उन पर आजीवन प्रतिबंध लग सकता है.

पूर्व एशियाई और 2002 मैनचेस्टर राष्ट्रमंडल खेलों की चैम्पियन चानू यहां पिछले माह दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल के दौरान हुए परीक्षण में पाजीटिव पाई गई हैं.

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एक शीर्ष सूत्र ने कहा, ‘हां, चानू मिथाइलहेक्सानिएमाइन के लिए पाजीटिव पाई गई हैं. ‘बी’ नमूने का परीक्षण और नाडा के अपील पैनल के समक्ष पेश होना उन पर निर्भर करता है.’ भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के सचिव सहदेव यादव ने कहा कि एक भारोत्तोलक प्रतिबंधित पदार्थ के लिए पाजीटिव पाया गया है लेकिन यह पिछले महीने घोषित राष्ट्रमंडल खेलों की टीम में शामिल नहीं है.

{mospagebreak}यादव ने कहा, ‘एक भारोत्तोलक पाजीटिव पाया गया है लेकिन नियमों के मुमुताबिक ‘बी’ नमूने का नतीजा नहीं आने तक हम नाम का खुलासा नहीं कर सकते. ‘बी’ नमूने का नतीजा सोमवार तक आने की उम्मीद है. लेकिन मैं कह सकता हूं कि यह भारोत्तोलक राष्ट्रमंडल खेलों की टीम में शामिल नहीं है.’ भारतीय भारोत्तोलक संघ ने पिछले साल सितंबर में वाडा के डोप टेस्ट में छह भारोत्तोलकों के फंसने पर हाल ही में अंतरराष्ट्रीय संस्था को पांच लाख डालर का जुर्माना भरा था.

देश के भारोत्तोलकों को तभी अगले माह होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने की स्वीकृति मिली जब राष्ट्रमंडल आयोजन समिति ने भारतीय भारोत्तोलन संघ को 1.75 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण दिया जिससे उसने 31 अगस्त तक पांच लाख डालर जुर्माने की बाकी दो किश्तों का भुगतान किया.

मणिपुर की यह एथलीट भी उसी मिथाइलहेक्सानियामाइन के लिए पाजीटिव पाई गई हैं जो पिछले कुछ समय से विवाद के केंद्र में है क्योंकि पिछले एक हफ्ते में 11 एथलीट इसी पदार्थ के लिए पाजीटिव पाये गये हैं. यह पदार्थ फूड सप्लीमेंट में मौजूद होता है. चानू 2004 एथेंस खेलों के दौरान भी ड्यूरेटिक के लिए पाजीटिव पाई गई थी. प्रतिमा कुमारी (63 किग्रा) भी डोपिंग की दोषी पाई गई और इन दोनों पर दो साल का प्रतिबंध जबकि भारतीय भारोत्तोलन महासंघ पर एक साल का प्रतिबंध लगा.

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