क्रिकेट की दुनिया में स्पॉट फिक्सिंग के जरिये खिलाड़ी किसी एक टीम का फेवर कर सकते हैं. स्पॉट फिक्सिंग में पूरे मैच के नतीजे की बजाय मैच के दौरान अलग-अलग चीजों की फिक्सिंग की जाती है.
वानखेड़े स्टेडियम में बुधवार को हुए मुंबई और राजस्थान के बीच मैच के कुछ कोड वर्ड का मतलब हम आपको बता रहे हैं:
#कौन-कौन खिलाड़ी सन ग्लासेस पहनेगा.
#कौन-कौन बैट बदलेगा.
#जूते की लेस टाइट करने का मतलब 4 रन.
#लॉकेट चूमने पर नो बॉल.
आमतौर पर स्पॉट फिक्सिंग में हर तरह का सट्टा लगाया जाता है. मसलन कौन टॉस जीतेगा, कौन सा अंपायर किस छोर पर अंपायरिंग करेगा, कितने खिलाड़ी धूप का चश्मा लगाकर खेलेंगे. सट्टा इस बात का भी लगाया जा सकता है कि एक पारी में विकेटकीपर कितनी बार गिल्ली उड़ाएगा.
यही नहीं किस ओवर में कौन सी गेंद वाइड या नो बॉल होगी या फिर मैच के दौरान नई गेंद कब ली जाएगी. वनडे में 50 ओवर के मैच में पहले 15 ओवर में कितने रन बनेंगे या शुरुआती 15 ओवर में कितने विकेट गिरेंगे.
इसके अलावा कई और पहलुओं पर भी सट्टा लगाया जाता है. अगर किसी सट्टेबाज के पास इस बारे में पहले से कोई जानकारी है तो वो सट्टेबाजी से काफी पैसा बना सकता है. अगर मैच में स्पॉट फिक्सिंग की गई है तो सट्टेबाज, खिलाड़ी या अधिकारी को उनके हिस्से की मोटी रकम देता है.
गौरतलब है कि बुधवार को हुए मैच में स्पॉट फिक्सिंग के लिए 1 ओवर में 60 लाख तक की रकम दी गई.