कहने को तो योगराज सिंह क्रिकेटर, कलाकार, कोच और राजनेता बहुत कुछ हैं लेकिन उनकी पहचान युवराज सिंह से ही है. योगराज ने भारत के लिए 1 टेस्ट और 6 वन-डे खेले हैं. क्रिकेट में नाकामयाबी के बाद योगराज ने फिल्म से लेकर राजनीति तक में हाथ आजमाया.
योगराज ने 2009 में चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल के टिकट पर हरियाणा में पंचकुला से विधानसभा चुनाव लड़ा और हार गए. उस चुनाव में योगराज ने अपने सेलेब्रिटी बेटे युवराज की लोकप्रियता भुनाने की कोशिश की, प्रचार में युवराज की तस्वीरों का खूब इस्तेमाल किया लेकिन खुद युवराज ने योगराज के लिए एक बार भी प्रचार नहीं किया.
युवराज जब किशोरावस्था में थे तभी युवराज के माता-पिता शबनम सिंह और योगराज सिंह का तलाक हो गया था. इसके बाद योगराज ने दूसरी शादी कर ली. दोनों शादियों से योगराज के 2-2 बच्चे हैं. युवराज और उनके भाई जोरावर का लालन-पालन उनकी मां शबनम ने अकेले ही किया है.
पिछले साल अमेरिका में कैंसर का इलाज करवा कर आए योगराज सिंह थोड़े-2 समय के बाद सुर्खियां बना ही देते हैं. योगराज सिंह का नाम जेसिका लाल मामले में भी आया था हालांकि उन्हें बाद में बरी कर दिया गया था. योगराज पर कार-पार्किंग को लेकर आधी रात को पड़ोसियों से झगड़ा करने को लेकर भी एक मामला चल चुका है.
और अब योगराज सिंह ने महेंद्र सिंह धोनी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने युवराज का चयन वर्ल्ड कप टीम में होने से रोका. उन्होंने यह तक कह डाला कि ऐसा धोनी ने दुश्मनी के चलते किया है.
योगराज सिंह ने धोनी पर आरोप लगाते हुए कहा, 'युवराज के साथ नाइंसफी हुई है. पता नहीं धोनी को युवराज से क्या दिक्कत है जो उन्होंने ऐसा किया. धोनी ने टीम में चयन होने से रोका.' उन्होंने यह भी कहा कि निजी दुश्मनी के चलते महेंद्र सिंह धोनी ने ऐसा किया जो कि बहुत गलत है.
योगराज के बयान के बाद युवराज सिंह ने ट्वीट किया और कहा कि हर माता-पिता की तरह मेरे पिता भी जज्बाती हैं. माही के साथ खेलकर हमेशा मज़ा आया है और आगे भी आएगा.
वर्ल्ड कप के अध-बीच में इस तरह की बयानबाजी से टीम पर नकारात्मक असर ही पड़ेगा.