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जब सचिन तेंदुलकर ने सौरव गांगुली से कहा, 'तुझे घर भेज दूंगा, सुधर जाओ नहीं तो करियर खत्म'

रिटायरमेंट के बाद क्रिकेटर कई बार ऐसी कहानियां सुनाते हैं जिन्हें जानकर हम और आप हैरान हो जाते हैं. एक ऐसा ही खुलासा किया है सौरव गांगुली ने सचिन तेंदुलकर के बारे में.

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सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली
सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली

रिटायरमेंट के बाद क्रिकेटर कई बार ऐसी कहानियां सुनाते हैं जिन्हें जानकर हम और आप हैरान हो जाते हैं. एक ऐसा ही खुलासा किया है सौरव गांगुली ने सचिन तेंदुलकर के बारे में.

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1997 कैरिबियाई दौरे के बीच में तत्कालीन कप्तान सचिन तेंदुलकर अपनी टीम के खिलाड़ियों से बेहद नाराज थे. उन्होंने गांगुली को तो बीच दौरे से ही घर वापस भेज देने की चेतावनी दे दी थी.
ये वाकया है हुआ बारबेडोस के तीसरे टेस्ट मैच के बाद जिस मुकाबले में वेस्टइंडीज ने भारत 38 रनों से शिकस्त दे दी थी. मुश्किल पिच पर 120 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया महज 81 रन पर ढेर हो गई थी.

गांगुली के इस खुलासे की शुरुआत "My fault, actually." से की. वे आगे लिखते हैं, 'सचिन बहुत निराश थे और साथी खिलाड़ियों पर भी गुस्से में भी थे. मूड बदलने के लिए मैंने उनसे पूछा कि आप बताएं मैं क्या करूं. सचिन का जवाब था, 'कल सुबह दौड़ने जाओ.'

गांगुली ने आगे लिखा है, 'अब इस कहानी को बताने का वक्त आ चुका है. जब सचिन को पता चला कि मैं अगले दिन सुबह दौड़ने नहीं गया तो वो गुस्से में आग-बबूला हो गया. उसने मुझसे ऐसी भाषा में बात की जिसे लिखा नहीं जा सकता. उसने कहा कि वो मुझे बीच दौरे से ही घर वापस भेज देगा और मैं अपने रवैये को सुधारूं वरना मेरा करियर जल्द ही खत्म हो जाएगा. घर भेजे जाने का डर मेरे अंदर जोश लाने के लिए काफी था. मैं कभी कोई रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाता. पर अगली सुबह से मैंने पूरे दिल से परिश्रम किया.'

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गांगुली ने ये बातें किताब 'Sachin Tendulkar: The man cricket loved back' में लिखी हैं. इस किताब में Gifts, appetite, game sense and very little Bengal टाइटल से गांगुली का लेख छपा है.

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