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खिलाड़ियों पर फ्लेचर की सख्ती दिलाएगी जीत!

फ्लेचर के दो साल का करार खत्म होने का इंतजार सभी को है. बीसीसीआई से डंडा पड़ने से पहले उन्होंने खिलाड़ियों को अनुशासित करने की ठान ली है. इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में अगर इसका सकारात्मक असर दिखता है तो फ्लेचर की विदाई भी थोड़ी सम्मानजनक होगी.

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क्रिकेट का एक और महामुकबला शुरू होने जा रहा है. शुक्रवार को भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज का पहला वनडे मैच राजकोट में खेला जाएगा.

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हार दर हार झेल रहे टीम इंडिया के खिलाड़ी कुछ दिन पहले दिल्ली में पाकिस्तान पर जीत दर्ज करने के बाद कुछ बदले-बदले से लग रहे हैं. इसकी वजह यह है कि कोलकाता की हार के बाद कोच डंकन फ्लेचर ने ऐसी फटकार लगाई है कि अब एक के बाद एक जीत मिले तो हैरानी की बात नहीं होगी.

जी हां, टीम इंडिया के कोच डंकन फ्लेचर अब ड्रेसिंग रूम में डंडा चला रहे हैं. हर जगह हार का मुंह देखा, हर फोरमैट में टीम इंडिया को निकम्मा बनाया और अब बीसीसीआई के साथ अपने कॉन्ट्रेक्ट के खत्म होने से बस कुछ महीने पहले फ्लेचेर वर्ल्ड चैम्पियंस की गाडी को फिर से पटरी पर लाने की जद्दोजेहद में जुट गए हैं. सूत्रों के मुताबिक कोलकाता में पाकिस्तान के हाथों मिली हार के बाद फ्लेचर का खिलाड़ियों के प्रति रुख अचानक से बेहद सख्त हो गया है.

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दिल्ली वनडे में भारतीय बल्लेबाजों पर तो उनकी दहाड़ का कोई असर नहीं दिखा, लेकिन गेंदबाजी और फील्डिंग में मुस्तैदी डंकन की डांट का ही असर लगा. टीम इंडिया मैच तो जीती लेकिन अगर कोच साहब और खिलाडियों ने यही जज्बा पहले दिखाया होता तो सीरीज में हार नसीब नहीं होती.

भारत के वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद गैरी कर्स्टन की विरासत उन्हें इस उम्मीद में सौंपी गई थी कि वो टीम इंडिया को नई ऊंचाई पर पहुंचाएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. वनडे में, टेस्ट में, टी 20 में, इंग्लैंड में, ऑस्ट्रेलिया में, घर पर, विदेश में, हर जगह टीम इंडिया पिटती रही.

डंकन फ्लेचर पर आरोप लगता रहा है कि वो टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ियों पर सख्ती नहीं कर पाए. अभी पाकिस्तान के खिलाफ पिछली वन-डे सीरीज में ही जब टीम इंडिया पहला मैच हार गई थी तो दूसरे मैच की प्रैक्टिस के बजाय उन्होंने खिलाड़ियों को नया साल मनाने की छूट दे दी. डंकन के कार्यकाल में एक तरह अनुशासन पर स्टार कल्चर हावी हो गया. यही नहीं, वो सीनियर खिलाड़ियों के आपसी अहं की लड़ाई पर भी अंकुश लगाने में नाकाम रहे.

बहरहाल, इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और उसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज को जिताकर वो टीम इंडिया के लिए अपना ये भुला देने वाला रिकॉर्ड तो सुधार सकते ही हैं.

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फ्लेचर के दो साल का करार खत्म होने का इंतजार सभी को है. बीसीसीआई से डंडा पड़ने से पहले उन्होंने खिलाड़ियों को अनुशासित करने की ठान ली है. इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में अगर इसका सकारात्मक असर दिखता है तो फ्लेचर की विदाई भी थोड़ी सम्मानजनक होगी. वैसे भी, भारत से पहले इंग्लैंड के कोच रह चुके फ्लेचर एलिस्टर कुक की टीम की हर रणनीति से अच्छी तरह से वाकिफ हैं.

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