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क्या जल्द ही क्रिकेट छोड़ेंगे सचिन, पोंटिंग?

दुनिया के दो बड़े क्रिकेटर और टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने के मामले में नंबर वन और नंबर दो बल्लेबाज इन दिनों अपने सबसे बुरे फॉर्म से जूझ रहे हैं. भारत के स्टार बल्लेबाज मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर जहां पिछली दस पारियों में 15.30 की औसत से रन बना रहे हैं तो ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिग ने भी पिछली नौ पारियों में 18.44 की औसत से रन बनाये हैं. ऐसे में यह प्रश्न उठना तो लाजमी हो गया है कि क्या ये दोनों ही क्रिकेटर एक साथ क्रिकेट को अलविदा कहेंगे?

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सचिन तेंदुलकर और रि‍की पों‍टिंग
सचिन तेंदुलकर और रि‍की पों‍टिंग

दुनिया के दो बड़े क्रिकेटर और टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने के मामले में नंबर वन और नंबर दो बल्लेबाज इन दिनों अपने सबसे बुरे फॉर्म से जूझ रहे हैं. भारत के स्टार बल्लेबाज मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर जहां पिछली दस पारियों में 15.30 की औसत से 153 रन बनाये हैं वहीं ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और धुरंधर क्रिकेटर रिकी पोंटिग ने भी पिछली नौ पारियों में 18.44 की औसत से 166 रन बनाये हैं.

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सचिन तेंदुलकर का टेस्ट क्रिकेट में औसत भले ही 54.60 रन का है लेकिन यह स्टार बल्लेबाज पिछले दो साल में किसी भी समय 40 के औसत तक नहीं पहुंच पाया है.

सचिन तेंदुलकर ने नवंबर 2010 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अहमदाबाद में खेले गये टेस्ट मैच से लेकर इंग्लैंड के खिलाफ मुंबई टेस्ट मैच तक 21 मैच की 37 पारियां खेली हैं जिनमें उन्होंने 37.71 की औसत से 1322 रन बनाये हैं जिसमें दो शतक और सात अर्धशतक शामिल हैं.

यदि न्यूजीलैंड वाले मैच से शुरुआत की जाए तो तेंदुलकर का औसत किसी भी मैच 40 तक नहीं पहुंचा जबकि उन्होंने अपने करियर में 192 मैच में 54.60 की औसत से 15562 रन बनाये हैं. पिछले दो सालों में तेंदुलकर ने जितने रन बनाये हैं उनमें उनका सर्वाधिक औसत 39.28 रहा है. इससे इस 39 वर्षीय बल्लेबाज के ओवरआल औसत पर भी बुरा प्रभाव पड़ा जिसमें इस बीच दो से भी अधिक की गिरावट आई.

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न्यूजीलैंड के खिलाफ अहमदाबाद मैच से पहले तेंदुलकर का कुल औसत 56.71 रन प्रति पारी था. तेंदुलकर अपनी पिछली 28 पारियों में शतक नहीं जमा पाये हैं. उन्होंने अपना आखिरी शतक दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जनवरी 2011 में केपटाउन में लगाया था. इसके बाद उन्होंने जो 15 टेस्ट मैच खेले उसकी 27 पारियों में वह 32.22 की औसत से 870 रन ही बना पाये हैं जिसमें छह अर्धशतक शामिल हैं. जब उन्होंने अपना आखिरी शतक लगाया था तब उनका ओवरआल औसत 56.94 रन प्रति पारी पहुंच गया था.

तेंदुलकर ने पिछली दस पारियों में केवल 15.30 की औसत से 153 रन बनाये हैं और उनका उच्चतम स्कोर 27 रन है. लेकिन उनके औसत में गिरावट पिछले साल इंग्लैंड दौरे से शुरू हो गयी थी.

आस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में खेले गये तीसरे टेस्ट मैच से उनका औसत 56 से नीचे आ गया था जबकि वर्तमान श्रृंखला में इंग्लैंड के खिलाफ अहमदाबाद में खेले गये पहले टेस्ट मैच से उनका औसत 55 से भी नीचे गिर गया.

यदि उनकी लचर फार्म जारी रहती है तो उनका औसत 54 से भी नीचे गिर सकता है. पिछले 14 साल में तेंदुलकर का टेस्ट औसत कभी 54 रन प्रति पारी से नीचे नहीं आया. इससे पहले उनका न्यूनतम औसत पाकिस्तान के खिलाफ कोलकाता में फरवरी 1999 में खेले गये मैच में 53.19 था.

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उधर टेस्ट क्रिकेट में तेंदुलकर के बाद सर्वाधिक रन बनाने वाला एक अन्य बल्लेबाज रिकी पोंटिंग भी इस समय बेहद बुरे दौर से गुजर रहे हैं. आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ने पिछली नौ पारियों में 18.44 की औसत से 166 रन बनाये हैं. पोंटिंग के औसत में पिछले सात साल में बहुत गिरावट देखने को मिली है. 2006 में एक समय उनका औसत लगभग 60 पर पहुंच गया था जो अब गिरकर 52.21 हो गया है. पोंटिंग ने अब तक 13366 रन बनाये हैं.

तो क्या समय आ गया है कि क्रिकेट के इन दो दिग्गजों को अब यह मान लेना चाहिए कि क्रिकेट में उनके लिए कुछ खास नहीं रह गया है और युवाओं के लिए टीम में जगह छोड़ देनी चाहिए. वैसे तो ये क्रिकेटर खुद ही इतनी समझ जरूर रखते होंगे. लेकिन भला क्रिकेट से इस कदर प्यार करने वाला खिलाड़ी इतनी आसानी से हार मानकर तो खेलना नहीं छोड़ देगा. जरूर इन दोनों ही खिलाड़ियों के मन में एक बड़ी पारी से अपने क्रिकेट करियर का अंत करने की सोच चल रही होगी. वैसे संन्यास का फैसला इन दोनों को खुद ही लेना होगा.

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