महिला खिलाड़ी राष्ट्रमंडल खेलों की अहम अंग हैं लेकिन हर चार साल में होने वाले इस खेल महाकुंभ में पहली बार 1938 में सिडनी में हुए ब्रिटिश एंपायर खेलों में ‘वूमैन पावर’ देखने को मिली थी जिसमें ‘ट्रैक क्वीन‘ डेसिमा नोर्मन ने पांच स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास रचा था.
कभी एथलेटिक्स में पर्याप्त प्रशिक्षण नहीं मिलने के कारण हाकी की तरफ रुख करने वाली आस्ट्रेलियाई डेसिमा नोर्मन ने जब फिर से एथलेटिक्स में लौटी तो उन्होंने सिडनी में ट्रैक पर धूम मचा दी थी. ऑस्ट्रेलिया में जब पहली बार पांच से 12 फरवरी 1938 के बीच ब्रिटिश एंपायर खेल (जिन्हें बाद में राष्ट्रमंडल खेल नाम दिया गया) आयोजित किये गये तो नौ दिसंबर 1909 को जन्मी नार्मन रातों रात स्टार बन गयी थी.
इन खेलों के प्रति दर्शकों ने अति उत्साह दिखाया था. सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर जब उद्घाटन समारोह हुआ था तो उसमें 40 हजार दर्शक पहुंचे थे जो रिकार्ड था. इसके बाद भी दर्शकों का खेलों के प्रति प्यार देखने लायक था और नार्मन जैसी एथलीटों ने उन्हें निराश भी नहीं किया.
महिलाओं ने तब केवल तीन खेलों की 16 स्पर्धाओं में भाग लिया था लेकिन खेल समाप्त होने के बाद हर किसी की जुबान पर महिला एथलीटों विशेषकर नार्मन के प्रदर्शन की चर्चा थी. {mospagebreak}नार्मन ने तब महिलाओं की 100 गज की दूरी 11.1 सेकेंड और 220 गज की दूरी 24.2 सेकेंड में पूरी करके स्वर्ण पदक जीता. इसके अलावा उन्होंने लंबी कूद तथा 220 और 440 रिले दौड़ में भी सोने का तमगा हासिल किया. किसी एक राष्ट्रमंडल खेल में पांच स्वर्ण पदक जीतने का उनका यह रिकार्ड अगले 60 साल तक कायम रहा था.
राष्ट्रमंडल खेल 1938 में नार्मन के बाद कनाडा के धावक जान लोवरिंग ने तीन स्वर्ण पदक जीते थे जबकि इंग्लैंड के सीरिल होम्स ने 100 और 200 गज तथा न्यूजीलैंड के सेसिल मैथ्यूज ने तीन और छह मील में पहला स्थान हासिल करके दो-दो स्वर्ण पदक जीते थे. तैराकी में कनाडा के बाब पीरी ने दो स्वर्ण और दो रजत हासिल किये थे.
इन खेलों में कुल 15 देशों के 464 खिलाड़ियों ने 71 स्पर्धाओं में भाग लिया था जिसमें 376 पुरुष और 88 महिला खिलाड़ी शामिल थी. भारत ने भी इन खेलों में शिरकत की थी. यह भी संयोग था कि जब सिडनी में इन खेलों का आयोजन किया गया तब यह शहर अपनी स्थापना का 150वीं वर्षगांठ मना रहा था.
मेजबान ऑस्ट्रेलिया इन खेलों में 25 स्वर्ण, 19 रजत और 22 कांस्य पदक लेकर पहले स्थान पर रहा था जबकि इंग्लैंड ने 15 स्वर्ण सहित 40 पदक जीतकर दूसरा जबकि कनाडा ने 13 स्वर्ण सहित 44 पदक हासिल करके तीसरा स्थान हासिल किया था.