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मेरीकॉम सेमीफाइनल में, वर्ल्ड चैंपियनशिप में 7वां पदक पक्का

मनीषा मौन (54 किग्रा) को हालांकि 2016 विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता स्टोयका पैट्रोवा से 1-4 से पराजय का मुंह देखना पड़ा.

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मेरीकॉम (ट्विटर)
मेरीकॉम (ट्विटर)

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पांच बार की चैंपियन एमसी मेरीकॉम (48 किग्रा) ने मंगलवार को दसवीं एआईबीए महिला विश्व चैंपियनिशप के सेमीफाइनल में प्रवेश किया. इसके साथ ही 35 साल की भारत की सुपर स्टार बॉक्सर मेरीकॉम ने वर्ल्ड चैंपियनिशप में अपना सातवां पदक पक्का कर लिया. मेरीकॉम के अलावा लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), सोनिया (57 किग्रा) और सिमरनजीत कौर (64 किग्रा) ने अंतिम चार में प्रवेश किया. इससे भारत का विश्व चैंपियनशिप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2006 की मेजबानी में ही रहेगा, जिसमें देश ने चार स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य से कुल आठ पदक अपनी झोली में डाले थे.

केडी जाधव हाल में रिंग में उतरीं चार भारतीय मुक्केबाज दुर्भाग्यशाली रहीं. युवा मुक्केबाज मनीषा मौन (54 किग्रा) को 2016 विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता स्टोयका पैट्रोवा से 1-4 से, भाग्यवती काचरी (81 किग्रा) को कोलंबिया की जेसिका पी सी सिनिस्टरा से 2-3 से, तीसरी विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा ले रही पिंकी रानी (51 किग्रा) को जकार्ता एशियाई खेलों की रजत पदकधारी उत्तर कोरियाई चोल मि पांग से 0-5 से, जबकि सीमा पूनिया (81 किग्रा से अधिक) को पिछली दो बार की विश्व चैंपियन चीन की यांग जियोली से 0-5 से पराजय का मुंह देखना पड़ा.

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पांच बार की विश्व चैंपियन मेरीकॉम ने दिन की शुरुआत चीन की यू वु पर 5-0 (30-27, 29-28, 30-27, 29-28, 30-27) की शानदार जीत से की, अब वह गुरुवार को उत्तर कोरिया की हयांग मि किम से भिड़ेंगी, जिन्हें उन्होंने पिछले साल एशियाई चैंपियनशिप के फाइनल में हराया था. लंदन ओलंपिक की कांस्य पदकधारी मेरीकॉम ने अपने चिर परिचित अंदाज में खेलते हुए चीनी मुक्केबाज को टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखाया.

विश्व चैंपियनशिप में छह पदक जीत चुकीं मेरीकॉम आत्ममुग्ध होने से बचना चाहती हैं और एक बार में एक ही मुकाबले पर ध्यान लगा रही हैं. उन्होंने मुकाबले के बाद कहा, ‘मैं रिंग में ध्यान भंग नहीं होने देती, जिससे फायदा मिलता है. मैं उसे देखकर उसके खिलाफ खेल रही थी. चीन की मुक्केबाज काफी मजबूत हैं, लेकिन उसके खिलाफ यह मेरा पहला मुकाबला था.'

अगले मुकाबले के बारे में उन्होंने कहा, ‘अब मैं पदक दौर में प्रवेश कर चुकी हूं. एशियाई चैंपियनशिप में मैंने उसको हराया था. अभी सेमीफाइनल में लड़ना है, अति आत्मविश्वास से नहीं खेलना है. उसके वीडियो का आकलन किया था, उसी के हिसाब से खेलूंगी.’

असम की 21 साल की लवलीना बोरगोहेन ने तेज तर्रार मुक्कों से ऑस्ट्रेलिया की 34 साल की काये फ्रांसेस स्कॉट को 5-0 से पस्त किया और अंतिम चार में 22 नवंबर को चीनी ताइपे की चेन निएन चिन के सामने होंगी. पांचों जजों ने 30-27 29-28 30-27 30-27 30-27 अंक प्रदान किए.

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हरियाणा की सोनिया ने फेदरवेट के अंतिम आठ मुकाबले में कोलंबिया की येनी एम कास्टेनाडा को 4 -1 से हराकर अपना पदक पक्का किया. कोलंबियाई मुक्केबाज की लंबाई थोड़ी कम थी,जिससे सोनिया ने दूर से कवर करते हुए पंच जमाए अब वह फाइनल में प्रवेश करने के लिए 23 नवंबर को उत्तर कोरिया की सोन ह्वा जो से भिड़ेंगी.

जीत के मजबूत जज्बे से रिंग में उतरी सिमरनजीत ने आयरलैंड की एमी सारा ब्राडहर्स्ट को 3-1 से हराकर कांस्य पदक सुनिश्चित किया.अब वह 23 नवंबर को चीन की डान डोऊ के खिलाफ उतरेंगी.

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