भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में इतिहास रचने से चूक गईं. रविवार को फाइनल में वर्ल्ड नंबर-4 सिंधु को जापान की नोजोमी ओकुहारा (वर्ल्ड नंबर-12) ने 21-19, 20-22, 22-20 से मात दी. इसके साथ ही ओलंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट सिंधु का वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप के 40 साल के इतिहास में गोल्ड मेडल जीतने का सपना अधूरा रहा. उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा. वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिंधु का यह तीसरा मेडल है. उन्होंने 2013 और 2014 में ब्रॉन्ज मेडल जीते थे. ग्लास्गो (स्कॉटलैंड) में 22 साल की सिंधु ने वर्ल्ड नंबर- 10 चीन की 19 साल की चेन यू फेई को 21-13, 21-10 से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी.
जापानी चुनौती ध्वस्त नहीं कर पाईं सिंधु
फाइनल में सिंधु जापानी चुनौती ध्वस्त नहीं कर पाईं. यह मैच एक घंटे 50 मिनट तक चला. ये वही नोजोमी ओकुहारा हैं, जो सेमीफाइनल में साइना नेहवाल को हराकर फाइनल में पहुंची थीं. इससे पहले तक सिंधु और नोजोमी में 6 मुकाबले हुए थे. जिसमें से दोनों ने 3-3 मुकाबले अपने नाम किए थे. लेकिन पिछले दोनों मुकाबलों (2016 रियो ओलंपिक और 2107 सिंगापुर ओपन) में सिंधु ने नोजोमी पर जीत हासिल की थी. सिंधु वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचनेवाली साइना नेहवाल के बाद दूसरी भारतीय खिलाड़ी रहीं. 2015 में साइना ने स्पेन की कैरोलिना मारिन के हाथों फाइनल गंवाया था. तब साइना इस टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी थीं.
वर्ल्ड चैंपियनशिप में कब-कब मेडल
ग्वांगजु 2013 : पीवी सिंधु ( ब्रॉन्ज मेडल)
कोपेनहेगन 2014 : पीवी सिंधु ( ब्रॉन्ज मेडल)
जकार्ता 2015 : साइना नेहवाल (सिल्वर मेडल)
जकार्ता 2015 : साइना नेहवाल (सिल्वर मेडल)
ग्लास्गो 2017 : पीवी सिंधु (सिल्वर मेडल)
ग्लास्गो 2017 : साइना नेहवाल (ब्रॉन्ज मेडल)
सिंधुः इंटरनेशनल खिताब (इंडिविजुअल)
1. 2011: इंडोनेशिया इंटरनेशनल
2. 2013: मलेशिया मास्टर्स
3. 2013: मकाउ ओपन
4. 2014 : मकाउ ओपन
5. 2015 : मकाउ ओपन
6. 2016 : मलेशिया मास्टर्स
7.2016: चाइना ओपन
8. 2017: सैयद मोदी इंटरनेशनल
9. 2017: इंडिया ओपन
* 2016 : सिंधु को रियो ओलंपिक के फाइनल में कैरोलिना मारिन (स्पेन) ने 21-19, 12-21, 15-21 से हराया था, जिसके बाद उन्हें सिल्वर मेडल मिला था.