भारत की दूसरी शीर्ष वरीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु डेनमार्क में चल रहे बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप के छठे दिन शनिवार को सेमीफाइनल मुकाबले में नौवीं वरीय स्पेन की कैरोलीना मैरीन से संघर्षपूर्ण मुकाबले में हार गईं. सिंधु ने हालांकि लगातार दूसरे साल वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता.
मैरीन ने सिंधु को 47 मिनट में सीधे गेमों में 21-17, 21-15 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया. फाइनल में अब मैरीन का मुकाबला सर्वोच्च विश्व वरीयता प्राप्त और टूर्नामेंट की भी शीर्ष वरीय चीन की ली ज्यूरेई से होगा. पहले बेहद उतार-चढ़ाव भरे गेम में सिंधु ने 6-2 से पिछड़ने के बाद लगातार छह अंक हासिल कर 8-6 की बढ़त बना ली, हालांकि 10-10 से बराबरी के बाद मैरीन ने जबरदस्त वापसी की और 18-11 की बड़ी बढ़त कायम कर ली. सिंधु इसे 18-15 तक लाने में सफल रहीं, लेकिन आखिरकार वह पहला गेम 17-21 से गंवा बैठीं.
दूसरा गेम बेहद संघर्षपूर्ण रहा और दोनों ही खिलाड़ी एक-एक अंक के लिए जूझते रहे. 13-13 के स्कोर तक गेम किसी के पक्ष में जाता नहीं लग रहा था, लेकिन इसके बाद मैरीन ने लगातार अंक हासिल करने जारी रखे, इस बीच अंक गंवाते हुए सिंधु कई बार निराश नजर आईं. सिंधु के लिए भाग्य भी खराब रहा, क्योंकि कई बार शटलकॉक नेट से टकराकर उनके पाले में आई, जिसे वो हैंडल नहीं कर सकीं.
फिलहाल लगातार दूसरे साल ब्रॉन्ज हासिल कर सिंधु ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में इतिहास जरूर रच दिया. वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिंगल्स मुकाबले में मेडल जीतने वाली वह भारत की अभी भी एकमात्र खिलाड़ी हैं.