कैमरून इस बात की जांच करेगा कि क्या उसकी वर्ल्ड कप फुटबॉल टीम के सात खिलाड़ी मैच फिक्सिंग में शामिल थे? वहां के फुटबॉल फेडरेशन ने फेकाफुट ने यह घोषणा की है.
फेकाफुट ने कहा है कि उसकी एथिक्स कमिटी को यह निर्देश दिया गया है कि वह ब्राजील में खेले गए तीन मैचों में हुई कथित धोखाधड़ी की जांच करे. इसमें क्रोएशिया के साथ हुए मैच की खास तौर से जांच की जाएगी. इस मैच में कैमरून 0-4 से हार गया था.
एक बयान में फेडरेशन ने कहा कि हाल में हमारी टीम पर धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं. वर्ल्ड कप 2014 के तीन मैचों खासकर कैमरून बनाम क्रोएशिया के मैच और टीम में सात बुरे तत्वों (खिलाड़ियों) की उपस्थिति हमारे मूल्यों और सिद्धांतों से मेल नहीं खाते हैं.
फेडरेशन के अंतरिम प्रेसीडेंट जोसफ ओवोना ने कहा कि हम जनता को बता देना चाहते हैं कि हालांकि फीफा ने अभी हमसे संपर्क नहीं किया है, हमने एथिक्स कमिटी को इन आरोपों की जांच का आदेश दे दिया है. उन्होंने कहा कि हम सभी तरीके से इस दुखद मामले की जांच करेंगे और जल्द से जल्द इसका खुलासा करेंगे.
कैमरून के खिलाफ यह आरोप कुख्यात मैच फिक्सर विल्सन राज पेरुमल ने लगाया है. पेरुमल ने फुटबॉल के कई मैचों में फिक्सिंग करवाई है. वह दो साल जेल में भी रहा है. उसने न केवल मैच के सही परिणाम के बारे में बताया था बल्कि यह भी बताया था कि एक खिलाड़ी को मैदान से निकाल दिया जाएगा. यह भविष्यवाणी भी सही साबित हुई थी. जर्मनी की पत्रिका डेर स्पाइजेल से बातचीत के दौरान पेरुमल ने यह दावा किया था.
ध्यान रहे कि कैमरून के मैच के दौरान उसके मिडफील्डर एलेक्स सॉन्ग को रेफरी ने हाफ टाइम के पहले ही मैदान से बाहर निकाल दिया था. उसने हाफ लाइन पर क्रोएशिया के खिलाड़ी को अनावश्यक रूप ले कोहनी मारी थी. उसके बाद उसकी टीम में सिर्फ 10 खिलाड़ी रह गए थे और वे मैच बुरी तरह से हार गए.
उस मैच के अंत में कैमरून के एक खिलाड़ी ने अपनी ही टीम के एक खिलाड़ी को सिर से मारने की कोशिश भी की थी. कैमरून की फेडरेशन इनकी जांच कर रहा है लेकिन अभी तक उसने किसी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का जिक्र नहीं किया है.