वर्ल्ड कप 2015 के लिए 15 खिलाड़ियों की लिस्ट 6 जनवरी को आ रही है. ऐसे में अटकलबाजियों का बाजार भी गर्म होने लगा है कि आखिर वो कौन से 15 खिलाड़ी होंगे जिन्हें विश्व कप का टिकट मिलेगा. टीम कॉम्बिनेशन को लेकर सबसे अहम सवाल यह है कि भारत कितने बल्लेबाज, कितने फास्ट बॉलर और कितने स्पिनर लेकर इस महाकुंभ में जाना चाहता है. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की कंडीशन को देखते हुए भारत शायद 7 बल्लेबाज, 1 विकेटकीपर, 5 फास्ट बॉलर और 2 स्पिनर को लेकर जाए.
बल्लेबाजों की दौड़ में इनकी दावेदारी है सबसे मजबूत
इतिहास गवाह है कि बल्लेबाजी हमेशा से टीम इंडिया की मजबूती रही है. लेकिन इस वर्ल्ड कप में उनकी भूमिका और भी ज्यादा महत्वपूर्ण रहने वाली है. हालांकि टेस्ट सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों के प्रदर्शन को देखकर एक उम्मीद जरूर जाग गई है.
शिखर धवन और रोहित शर्मा का सलामी बल्लेबाजों के रूप में चयन लगभग तय है. साथ ही टेस्ट सीरीज में मुरली विजय का बल्ला जिस तरह गरजा और बरसा है उससे तीसरे ओपनर के तौर पर उनकी दावेदारी काफी मजबूत हो जाती है.
मिडिल ऑर्डर में विराट कोहली, सुरेश रैना और अजिंक्य रहाणे अब टीम के नियमित सदस्य हैं, ऐसे में उनका टिकट भी पक्का है. सातवें बल्लेबाज के रूप में अंबाती रायडू का चयन हो सकता है, क्योंकि इस बल्लेबाज ने श्रीलंका के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करके मजबूत दावेदारी पेश की थी.
हालांकि कई लोगों का सवाल होगा कि सातवें बल्लेबाज के रूप में रायडू की जगह मनोज तिवारी, मनीष पांडे या रॉबिन उथप्पा क्यों नहीं, तो जवाब बिल्कुल साफ है कि वे सभी इस समय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से दूर हैं, और शायद चयनकर्ता इतने बड़े टूर्नामेंट में इन खिलाड़ियों को मौका देना की हिम्मत न जुटा पाएं.
धोनी अनफिट हुए तो रायडू कर सकते हैं विकेटकीपिंग
विकेट कीपर के रूप में जाहिर सी बात है धोनी अगर फिट रहते हैं तो भारत को किसी और की जरूरत नहीं पड़ेगी. लेकिन अगर धोनी चोटिल हो जाते हैं तो ऐसे हालात में अंबाती रायडू उनकी जगह ले सकते हैं. लेकिन अगर ऐसा हुआ तो ये टीम इंडिया के लिए किसी दुर्भाग्य से कम नहीं होगा, क्योंकि धोनी की जरूरत एक विकेट कीपर के रूप में कम हो सकती है लेकिन एक कप्तान और बल्लेबाज के रूप में ज्यादा है. इसलिए आप एक स्पेशलिस्ट रिजर्व विकेट कीपर रिद्धिमान साहा को लेकर जाएं या फिर रायडू से ही कीपिंग करवाएं, बात बराबर ही दिखती है, क्योंकि इनका धोनी से कोई मुकाबला नहीं.
गेंदबाजी में ये हैं प्रबल दावेदार
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के हेल्पिंग कंडीशन में भारतीय गेंदबाजों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी. साथ ही बल्लेबाजों को भी पूरी तरह से अपने गेंदबाजों को कॉम्प्लीमेंट करना पड़ेगा, तभी जाकर टीम इंडिया अपने खिताब को बचा पाने में सफल होगी.
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की तेज और उछाल भरी पिचों पर भारत 5 तेज गेंदबाजों के साथ वर्ल्ड कप में जाना चाहेगा. मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव और ईशांत शर्मा की दावेदारी सबसे मजबूत है. वरुण एरोन ऑस्ट्रेलिया में बेहद खर्चीले और दिशा से भटके हुए गेंदबाज नजर आए, ऐसे में उनकी जगह स्टुअर्ट बिन्नी को बतौर पांचवें गेंदबाज और ऑलराउंडर टीम में शामिल किया जा सकता है.
स्पिन डिपार्टमेंट का जिम्मा इनके कंधे पर
वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के डॉमेस्टिक सीजन के बाद होना है. ऐसे में पिचों में थोड़ी वियर एंड टियर जरूर आ जाएगी, जिसकी वजह से स्पिनर काफी अहम किरदार निभाएंगे. चयनकर्ता आर अश्विन, रविन्द्र जडेजा, कर्ण शर्मा और अक्षर पटेल में से किन्हीं 2 के नाम पर दांव खेल सकते हैं. हालांकि रविन्द्र जडेजा अगर फिटनेस टेस्ट पास नहीं कर पाते हैं तो उनकी जगह युवराज सिंह की टीम इंडिया में वापसी हो सकती है.
अश्विन सबसे अनुभवी स्पिनर हैं ऐसे में उनका चयन लगभग तय है. हाल में अक्षर पटेल के प्रदर्शन ने उनकी दावेदारी को और भी मजबूत कर दिया है. कर्ण शर्मा का लेग स्पिनर होने के नाते दावेदारी मजबूत दिखती है लेकिन एडिलेड टेस्ट में उन्होंने जिस तरह का प्रदर्शन किया उससे बहुत मुश्किल है कि उनका चयन हो.
टीम: एमएस धोनी (कप्तान), शिखर धवन, रोहित शर्मा, मुरली विजय, विराट कोहली, सुरेश रैना, अजिंक्य रहाणे, अंबाती रायडू, आर अश्विन, अक्षर पटेल/रविन्द्र जडेजा, मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव, स्टुअर्ट बिन्नी और ईशांत शर्मा.