क्या टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और उनके साथी मीडिया का सामना करने से डरते हैं? या फिर बीसीसीआई ने ही अपने खिलाड़ियों को मीडिया से बात नहीं करने का निर्देश दिया है. मीडिया के प्रति टीम इंडिया के हालिया रवैये को देखकर कुछ ऐसे ही सवाल उठ रहे हैं.
दरअसल, सोमवार को टी20 वर्ल्ड कप के एक अभ्यास मैच में श्रीलंका के खिलाफ पांच रनों की हार के बाद टीम का कोई भी खिलाड़ी नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं आया जबकि श्रीलंका की ओर से हरफनमौला खिलाड़ी सचित्रा सेनानायके पहुंचे.
यह पहला मौका नहीं है जब भारतीय क्रिकेट टीम ने मीडिया के सामने आने से बची है. धोनी की टीम ने वर्ल्ड कप टूर्नामेंट के लिये बांग्लादेश रवाना होने से पहले मुंबई में भी प्रेस कांफ्रेंस नहीं की थी. जिसे लेकर हंगामा भी मचा. खबर है कि बीसीसीआई ने अनाधिकारिक तौर पर क्रिकेटरों और कोच के मीडिया से बात करने पर रोक लगा रखी है.
आईपीएल फिक्सिंग विवाद को इसकी वजह बताया जा रहा है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में आईपीएल विवाद पर मुद्गल कमिटी की जांच रिपोर्ट में बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं. इसके अलावा एक गुप्त रिपोर्ट में फिक्सिंग विवाद से कुछ खिलाड़ियों के नाम होने की भी चर्चा है. इस विवाद में महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना का नाम भी घसीटा गया है. ऐसे में बीसीसीआई अपने खिलाड़ियों को मीडिया के तीखे सवालों से बचाने की कवायद में जुटा है.