भारतीय पहलवान नरसिंह यादव के साथ जो हुआ. वो उसे ताउम्र नहीं भूल पाएंगे. रियो ओलंपिक शुरू होने से कुछ दिन पहले ही उन्हें डोपिंग का दोषी पाया गया. फिर जैसे तैसे नाडा के क्लीन चिट देने के बाद वो रियो पहुंचे. लेकिन बाउट से ठीक एक दिन पहले ही कोर्ट ऑफ आर्बिटेशन फॉर स्पोर्ट यानी CAS ने उन्हें खेलने से मना कर दिया. क्योंकि उनके पास अपनी बेगुनाही को साबित करने के पुख्ता सबूत नहीं थे.
पुलिस,प्रशासन और साई से विश्वास उठा: नरसिंह
हालात से पूरी तरह टूट चुके नरसिंह यादव ने कहा कि उन्हें सीबीआई पर पूरा भरोसा है. अगर सीबीआई जांच करेगी तो न सिर्फ साजिश करने वालों का खुलासो होगा. बल्कि मुझे इंसाफ भी मिलेगा.
नरसिंह ने फिर की सीबीआई जांच की मांग
भारतीय कुश्ती संघ और खेल मंत्रालय इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने मांग कर रहा है. कुश्ती संघ के अध्यक्ष और सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह का कहना है कि वो प्रधानमंत्री से मिलने का वक्त मांग रहे हैं. उनसे मुलाकात करके वो सारी बातें बताएंगे. क्योंकि मामला अब सिर्फ नरसिंह यादव का नहीं बल्कि खेल और खिलाड़ियों के भविष्य का है.
साई के कुछ अधिकारियों ने नहीं किया सहयोग
नरसिंह यादव ने आजतक से खास बातचीत में ये माना कि उसके पास सबूत तो हैं लेकिन हरियाणा पुलिस और स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कुछ अधिकारियों के असहयोग की वजह से वो सबूत पेश नहीं कर पाए. ट्रेनिंग सेंटर के उस लड़के और उससे जुड़े लोगों से अभी तक पूछताछ नहीं की गई है. जिन पर मैंने और दूसरे पहलवानों ने शक जताया था. कई तार ऐसे जुड़े हैं जिससे आसानी से साबित किया जा सकता है कि साई के कुछ अधिकारियों को मेरे खिलाफ की जा रही साजिश की जानकारी थी या वो उसमें शामिल थे. नरसिंह ने कहा कि उसका करियर तो तबाह हो गया. लेकिन इसी बहाने ही सही बाकी खिलाड़ियों को इस तरह की साजिश से बचाने का कोई इंतजाम हो सके तो बेहतर होगा.