भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने नरसिंह यादव डोप प्रकरण में सीबीआई जाँच की मांग की है. पिछले चार महीने से 2016 रियो ओलंपिक गेम्स में 74 किग्रा. फ्रीस्टाइल भार वर्ग में प्रतिनिधित्व करने की अटकलें 19 अगस्त को खत्म हो गई, जब नरसिंह यादव को आखिरकार अंतरराष्ट्रीय खेल पंचाट ने चार वर्ष का बैन लगाकर ओलंपिक से बाहर कर दिया.
बृजभूषण ने कहा कि खेल पंचाट का नोटिस इतने कम समय पर मिला कि ना तो नरसिंह अपनी दलील पेश कर सका और ना ही वह अपने वकील को रियो बुला सका और ना ही भारतीय कुश्ती संघ के पास नरसिंह की रिप्लेसमेंट का उचित समय था. चूंकि नरसिंह अपना मेडिकल और वजन दे चुका था, जिसके बाद यदि कोई वैकल्पिक पहलवान मौजूद भी होता तो प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकता था. यदि अंतरराष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) कुछ समय पहले अपील करती तो शायद कुश्ती संघ के पास नरसिंह की रिप्लेसमेंट का समय होता.
उन्होंने कहा कि नरसिंह ने हरियाणा पुलिस में उस शख्स के खिलाफ जिसने सोनीपत ट्रेनिंग सेंटर में उसके अमिनो ड्रिंक में डोपिंग की दवा मिलाई थी, लिखित शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन पुलिस की क्राइम इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (सीआईए) ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की है.
साजिश से देश को हुआ नुकसान
बृजभूषण ने कहा, 'यदि पुलिस की क्राइम इन्वेस्टीगेशन एजेंसी इस शख्स को हिरासत में लेकर पूछताछ करती तो शायद आज देश को एक मेडल का नुकसान नही होता और देश के एक बड़े पहलवान को चार साल का प्रतिबंध ना सहना पड़ता. मैं चाहता हूं कि भारत सरकार इस षडयंत्र के खिलाफ सीबीआई जांच करे, जिससे आने वाले समय में किसी भी खिलाड़ी के साथ ऐसा घिनौना कार्य ना हो और इससे देश को पदकों का नुकसान ना हो.'