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WTC फाइनल से पहले बोले सचिन- ज्यादा प्रेशर लेने पर बिखर सकती है रणनीति

वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल मुकाबले की घड़ी अब नजदीक आ चुकी है. 18-22 जून तक साउथैम्पटन में होने वाले इस मुकाबले पर करोड़ों भारतीय फैंस की नजरें टिकी रहेंगी. इसी बीच मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने भी इस महामुकाबले को लेकर बड़ी बात कही है.

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Sachin Tendulkar (File)
Sachin Tendulkar (File)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 18 जून से साउथैम्पटन में होने वाला है WTC 'महामुकाबला'
  • सचिन ने भी इस खिताबी मुकाबले को लेकर बड़ी बात कही है

वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल मुकाबले की घड़ी अब नजदीक आ चुकी है. 18-22 जून तक साउथैम्पटन में होने वाले इस मुकाबले पर करोड़ों भारतीय फैंस की नजरें टिकी रहेंगी. इसी बीच मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने भी इस महामुकाबले को लेकर बड़ी बात कही है. सचिन का मानना है कि फाइनल मुकाबले के शुरुआत में थोड़ा तनाव रहेगा, जो खेल के साथ ही कम होता जाएगा. सचिन के मुताबिक यह खिलाड़ियों को तय करना है कि उन्हें कितना प्रेशर लेना है. 

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क्रिकेट के हर अहम मुकाम पर 'सलाम क्रिकेट' आपके करीब लाता है उन सितारों को, जिनके विचार आप जानना चाहते हैं. वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) के पहले फाइनल में टीम इंडिया और न्यूजीलैंड की टीमें भिड़ेंगी.18 जून से होने वाली इस खिताबी टक्कर से एक दिन पहले E- Salaam Cricket 2021 में दिग्गज बताएंगे कौन बनेगा चैम्पियन.

17 जून (गुरुवार) को  'इंडिया टुडे, आजतक' के मेगा क्रिकेट कॉन्क्लेव E- Salaam Cricket 2021 में सचिन तेंदुलकर के अलावा सुनील गावस्कर, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण, युवराज सिंह, हरभजन सिंह/ मोंटी पनेसर, गौतम गंभीर, ब्रेंडन मैक्कुलम, डेविड वॉर्नर और दिनेश कार्तिक अपनी राय रखेंगे. E-Salaam Cricket सुबह 10 बजे शुरू होगा. 

सचिन तेंदुलकर ने स्पोर्ट्स टुडे से कहा, 'शुरुआत में तनाव का स्तर ऊंचा होगा, लेकिन एक बार खेल शुरू हुआ तो क्रिकेट इस पर हावी हो जाएगा. खिलाड़ियों को वर्तमान में रहना चाहिए और बस प्रक्रिया का पालन करना चाहिए. उन्हें अपनी योजना पर टिके रहना चाहिए और प्लान ए नहीं काम करने पर ही खिलाड़ियों को स्थितियों के अनुकूल ढलना और लचीलापन लाना होगा. यह वर्ल्ड टेस्ट चैम्पिपयनशिप है, जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है और इसे दुनियाभर के लोग देखेंगे.' 

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सचिन ने कहा, 'क्रिकेट नहीं बदलता बस टाइटल बदल जाता है. यह खिलाड़ी पर निर्भर करता है कि वह कितना और किस रूप में दबाव लेता है. 2011 विश्व कप के दौरान हमने चर्चा की थी कि दबाव कहां होगा. यदि आप अपने ऊपर ज्यादा बोझ लेंगे तो निश्चित रूप से यह आपको डुबो देगा. लेकिन यदि आप इसके साथ चलते हैं तो यह आपको प्रेरित कर सकता है. यह आपको तय करना है कि कितना प्रेशर लेना है.'

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