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WWE का सच: क्या फिक्स होती है फाइट, रियल में लगती है चोट, गिरता है खून?

WWE के रिंग में होने वाली टेक्निक और स्टाइल से भरपूर रेसलिंग लोगों को आकर्षित करती है. लेकिन क्या ये फाइट रियल होती हैं? क्या लड़ने वाले पहलवानों को सच में चोट लगती है? क्या खून सच में गिरता है? क्या WWE की फाइट की कहानी पहले ही लिख दी जाती है?

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WWE Fight Is Real Or Fake (John Cena, Photo- Youtube Grab)
WWE Fight Is Real Or Fake (John Cena, Photo- Youtube Grab)

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दुनिया भर में WWE की रेसलिंग के करोड़ों दीवाने हैं. भारत में इसकी दीवानगी सिर चढ़कर बोलती है. WWE के रिंग में होने वाली टेक्निक और स्टाइल से भरपूर रेसलिंग लोगों को आकर्षित करती है. लेकिन क्या ये फाइट रियल होती हैं? क्या लड़ने वाले पहलवानों को सच में चोट लगती है? क्या खून सच में गिरता है? क्या WWE की फाइट की कहानी पहले ही लिख दी जाती है? यह सवाल हमेशा रेसलिंग देखने वालों के दिमाग में रहता है. आज हम बता रहे हैं WWE से जुड़े इन सभी सवालों के बारे में...

एंटरटेनमेंट, फाइट, रोमांस, ट्रेजडी और पैसे के जबरदस्त कॉम्बिनेशन वाले WWE की फाइट एक स्क्रिप्ट के आधार पर लड़ी जाती है. किसी फिल्म की तरह ही WWE रेसलिंग के लिए भी स्क्रिप्ट लिखी जाती है. इसमें 99 फीसदी फाइट की कहानी पहले ही तय हो जाती है. यह तय हो जाता है कि कौन सा रेसलर हारेगा और कौन जीतेगा.

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अब सवाल उठता है कि रेसलर्स स्क्रिप्ट के अनुसार कैसे खेल लेते हैं. क्या उनसे गलती नहीं होती, तो इसका जवाब है यह कि रेसलर्स काफी प्रोफेशनल होते हैं, साथ ही उनके पास गलती करने का मौका नहीं होता है. उन्हें फाइट की ट्रेनिंग मिली होती है. बकायदा वो रेसलिंग स्कूल से इसके लिए ट्रेंड होकर आते हैं. ट्रेनिंग के दौरान उन्हें फाइट की चालाकियों के बारे में बताया जाता है, जिससे फाइट बिल्कुल रियल लगे और रोमांच बना रहे.

दरअसल, WWE ब्रांड एक स्पोर्ट्स एंटरटेंमेंट है, न ही प्रो-रेसलिंग. यही कारण है कि 1990 के दौर में कम टैक्स चुकाना पड़े, इसलिए विंस मैकमोहन ने सुप्रीम कोर्ट में स्वीकार किया था कि WWE (जिसे WWF भी कहा जाता है) एक वास्तविक खेल यानी रियल गेम नहीं है. यह केवल मनोरंजन का एक रूप मात्र है.

क्या सच में गिरता है खून?

WWE का खेल पहले से स्क्रिप्टेड होता जरूर है लेकिन कई बार पहलवानों को सच में चोट लग जाती है. साथ ही रेसलिंग के दौरान उनके शरीर या चेहरे से निकलने वाला खून भी रियल होता है. हालांकि, मुंह से खून निकालने के लिए वो ब्लड कैप्सुल्स का इस्तेमाल करते हैं. इसे वो मुंह में ही रखते हैं और स्क्रिप्ट के अनुसार तय समय पर उनके मुंह से खून गिरने लगता है. इन सब बातों के बावजूद कई बार पहलवानों को गंभीर चोट भी लगी है. जैसे कुछ साल पहले WWE सुपरस्टार जॉनसीना को गंभीर चोट लग गई थी जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा था.

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क्या लात-घूंसों से लगती है चोट?

WWE की रेसलिंग के दौरान पहलवान ट्रेनिंग के समय बताई गई चालाकी का इस्तेमाल करते हैं और सामने वाले पर इस तरीके से प्रहार करते हैं कि उसे गंभीर चोट न लगे. इसके लिए वो लंबे समय तक अभ्यास करते हैं. आपने देखा होगा कि रेसलर कभी चेहरे पर सीधे पंच नहीं मारते बल्कि उनके पंच का एंगल हमेशा थोड़ा टेढ़ा होता है. इससे विरोधी रेसलर गंभीर चोट से बच जाता है. इसके आलावा रेसलिंग की रिंग को इस प्रकार डिजाइन किया जाता है कि ऊपर से गिरने पर रेसलर को ज्यादा चोट न लगे.

क्या कठोर होता है रिंग का फर्श?

इसके लिए रिंग के रबड़ वाले मैट के नीचे स्प्रिंग लगाई जाती है, ये कुछ वैसी ही होती है जैसे सोने वाले बेड या सोफे में लगाई जाती है. बस फर्क सिर्फ इतना होता है कि ये ज्यादा टाइट होते हैं. यही कारण है कि WWE के सुपरस्टार रेसलर अंडरटेकर के चॉक्सलेम के बाद भी रेसलर दोबारा उठ जाता है. हालांकि, रेसलर हमेशा खुद भी इस बात का ख्याल रखते हैं कि उनके किसी प्रहार से सामने वाले रेसलर को गंभीर चोट न लगे.

क्या हारने वाले को मिलते हैं ज्यादा पैसे?

एक सवाल हमेशा उठता है कि क्या WWE में हारने वाले रेसलर को ज्यादा पैसे मिलते हैं, तो इसका जवाब है... नहीं. दरअसल, WWE में फेस वैल्यू के आधार पर यह तय होता है कि किस स्टार को कितना पैसा मिलेगा. स्क्रिप्ट में जिस रेसलर का हारना तय किया गया होता है, अगर वो बड़ा फेस वैल्यू वाला स्टार है तो उसे मिलने वाली रकम भी जीतने वाले स्टार से ज्यादा होती है.

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वर्तमान में WWE रेसलिंग में ब्रॉक लेसनर सबसे बड़े स्टार हैं. हालांकि, समय समय पर रेसलिंग में नंबर वन वाला चेहरा बदलता रहता है. इससे पहले कई स्टार्स लंबे समय तक WWE रेसलिंग में नंबर एक रैंक पर रहे हैं, इसमें अंडर टेकर, जॉन सीना, ट्रिपल एच, स्टॉन कोल्ड समेत रेसलिंग की दुनिया के कई अन्य बड़े स्टार्स शामिल हैं

क्या असली होते हैं हथियार?

रेसलिंग के दौरान रिंग में कई बार पहलवान हथौड़ा, कुर्सी, डंडा और लोहे के पंच जैसे हथियारों का इस्तेमाल करते हैं. बताया जाता है कि ये हथियार असली होते हैं लेकिन जितना मजबूत दिखते हैं उतना मजबूत होते नहीं. आपने देखा होगा कि रेसलर हमेशा रिंग के पास एक साइड में रखी कुर्सियों का ही इस्तेमाल करते हैं क्योंकि वो कमजोर होती हैं और स्क्रिप्ट के अनुसार उन्हें वहां रखा जाता है. इसके अलावा रिंग के नीचे भी हथौड़े, कुर्सी, टेबल आदी रखा जाता है. दरअसल, रेसलर्स को इन हथियारों के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दी जाती है. इसमें मारने और मार खाने, दोनों की ट्रेनिंग दी जाती है.

इस वीडियो में देख सकते हैं कि रेसलिंग के दौरान फाइटर्स किस प्रकार की चालाकी करते हैं.

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