ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 77 रन की मैच जिताऊ पारी खेलने के बाद युवराज सिंह पूरी तरह से खुश नहीं है, इसकी वजह से टेस्ट क्रिकेट से सचिन का संन्यास. उन्होंने यह तय कर लिया है कि वे सचिन को जाने ही नहीं देंगे. सचिन का पांव पकड़ लेंगे ताकि वो ड्रेसिंग रूम से बाहर न निकल सकें.
भावुक युवराज ने अपनी इस पारी को सचिन को समर्पित किया. आपको बता दें कि सचिन तेंदुलकर ने गुरुवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की. वे अपना 200वां टेस्ट मैच खेलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को पूरी तरह से अलविदा कह देंगे.
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में युवराज सिंह ने कहा, 'मैं नहीं जानता कि खुश हूं या दुखी. मेरे बल्ले से रन निकले इसलिए खुश हूं, पर सचिन रिटायर हो रहे हैं इसलिए निराश भी. मुझे इस बात की खुशी है कि वेस्टइंडीज ए के खिलाफ शुरू हुआ शानदार प्रदर्शन अब भी जारी है.'
युवराज सिंह ने कहा, 'मैं अपनी इस पारी को सचिन तेंदुलकर को समर्पित करता हूं, उम्मीद करता हूं कि अपनी बात सचिन से फोन पर भी कह सकूंगा. इतना तो मै कर ही सकता हूं. मैं अपनी मां को भी यह पारी जरूर समर्पित करूंगा. उन्होंने मेरी वापसी के लिए बहुत मिन्नतें मांगी है.'
आपको बता दें कि 31 वर्षीय युवराज सिंह ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच जनवरी में खेला था. लेकिन इंडिया ए और इंडिया ब्लू की ओर से शानदार प्रदर्शन के दम पर उन्होंने एक बार फिर टीम इंडिया में जोरदार वापसी की.
मीडिया से मुखातिब होने बाद युवराज ने कहा, 'युवी एक बार फिर वापस आ गया. दोस्तों.'
युवराज सिंह ने कहा कि जब सचिन जैसे महान खिलाड़ी संन्यास लेते हैं तो यह देश के लिए भावुक क्षण होता है और वे नहीं चाहते कि सचिन क्रिकेट को अलविदा कहें.
बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि मैं उन्हें जाने दूंगा. मैं उनके पांव पकड़ लूंगा, ड्रेसिंग रूम से बाहर नहीं जाने दूंगा. उनके साथ खेलना एक अद्भुत अनुभव रहा है. वे क्रिकेट के महानतम खिलाड़ियों में से एक हैं. मैं ये नहीं समझ पा रहा कि क्या कहूं.'
युवराज सिंह ने कहा, 'सचिन के बारे में कहने के लिए इतना कुछ है, शायद वे भारत के सबसे महान क्रिकेटर है. इस क्रिकेटर के लिए रिकॉर्ड ही सबकुछ नहीं है, वे एक बेहतरीन इंसान हैं. क्रिकेट के वर्ल्ड एंबेसेडर. उनका संन्यास पूरे देश के लिए एक भावुक क्षण होगा.'
युवराज सिंह ने बताया कि वे सचिन का आखिरी मैच जरूर देखेंगे. उन्होंने कहा, 'सचिन हमेशा मेरे लिए बहुत स्पेशल रहेंगे. भरोसा है कि मुझे उनके साथ खेलने का मौका मिलेगा और अगर मैं टीम में नहीं भी रहा तो स्टेडियम में जाकर उनका आखिरी मैच जरूर देखूंगा.'