युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने सोमवार को दावा किया कि टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी उनके बेटे को भारत की वर्ल्ड कप क्रिकेट टीम में नहीं देखना चाहते थे, लेकिन कुछ मिनट बाद ही युवराज ने इसका खंडन किया. युवराज ने अपने पिता की बात का खंडन करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया.
Like every parent my dad is also passionate and I am sure got carried away always enjoyed playing under Mahi n would do so in future
— yuvraj singh (@YUVSTRONG12) February 16, 2015
इससे पहले युवराज के पिता योगराज ने कहा था, ‘मैं हैरान रह गया जब मैने देखा कि युवराज का नाम वर्ल्ड कप टीम में नहीं है. यदि एमएस धोनी को मेरे बेटे से कोई निजी समस्या है तो मैं कुछ नहीं करूंगा. भगवान ही न्याय करेंगे. धोनी ने चयनकर्ताओं से कहा कि युवराज की टीम में जरूरत नहीं है.’ युवराज ने हालांकि कुछ देर बाद ट्विटर पर कहा, ‘हर माता पिता की तरह मेरे पिता भी भावुक हो गए और भावनाओं में बहकर बोल गए. मैने हमेशा माही की कप्तानी में खेलने का मजा लिया है और आगे भी ऐसा करता रहूंगा.’ योगराज ने यह बयान ऐसे दिन दिया जब युवराज को आईपीएल की नीलामी में 16 करोड़ रुपये में खरीदा गया.
चयनकर्ताओं ने युवा स्पिनर अक्षर पटेल को युवराज पर तरजीह दी. योगराज ने कहा, ‘युवराज ने 15 साल तक देश के लिए खून पसीना दिया और 90 फीसदी मैच जीते. उसने धोनी के साथ भी खेला और कई टूर्नामेंट जीते. पिछले वर्ल्ड कप में युवराज कैंसर से जूझते हुए खेला और टीम को वर्ल्ड कप जीतने में अहम भूमिका निभाई.’
योगराज ने कहा, ‘जब वह कैंसर से जूझ रहा था, तब उसने मुझसे कहा कि यदि वह मर भी जाए तो देश के लिए खेलने की चाह कम नहीं होगी और वह भारत को वर्ल्ड कप दिलाने की पूरी कोशिश करेगा. और अब उसके साथ ऐसा बर्ताव किया गया.’ धोनी पर भड़ास निकालते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं धोनी को बताना चाहूंगा कि सही तालीम और संस्कार सिखाते हैं कि यदि कोई हमवतन गिरता है तो उसकी मदद करनी चाहिए. यदि वह चल नहीं पा रहा है तो उसे अपना कंधा देना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘मैं धोनी के माता-पिता को भी कहना चाहूंगा कि कल भले ही युवराज और धोनी नहीं खेल रहे होंगे, लेकिन धोनी ने युवराज के साथ जो किया, वह हमेशा याद रखा जाएगा. मैं बहुत दुखी हूं क्योकि मैं या युवराज, धोनी के दुश्मन नहीं हैं, लेकिन मैं उससे कहना चाहता हूं कि उसने जो किया, ईश्वर उसका बदला लेगा.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘कप्तान होने के नाते धोनी को अपने सीनियर खिलाड़ियों का समर्थन करना चाहिए जो अस्थायी तौर पर खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं. मुझे नहीं पता कि वह टीम में युवराज को क्यो नहीं चाहते थे. मेरे बेटे ने हमेशा धोनी की तारीफ की है.’