साल 2011 की वो रात, जिसने 28 साल बाद भारत को क्रिकेट का वर्ल्ड चैंपियन बना दिया, भुलाए नहीं भूलता. 2 अप्रैल 2011 को टीम इंडिया ने क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया था. टीम इंडिया की उस बड़ी जीत के पीछे टीम के युवा खिलाड़ियों का सबसे बड़ा योगदान था. इंडिया टुडे के 'सलाम क्रिकेट' कॉनक्लेव के 'All the best India' सेशन में उसी युवा टीम के तीन सदस्य युवराज सिंह, हरभजन सिंह और पीयूष चावला ने लोगों से अपने अनुभव साझा किए. इस दौरान तीनों ने ड्रेसिंग रूम के कई राज भी खोले. SalaamCricket: टीम इंडिया के 2015 वर्ल्ड कप जीतने की संभावना पर मिली जुली प्रतिक्रिया.
'वर्ल्ड कप जीतना सपने जैसा था'
बातचीत के दौरान युवराज सिंह ने कहा कि वर्ल्ड कप जीतना सपने जैसा था. युवराज ने कहा, 'वर्ल्ड कप जीतने के बाद मैं पूरी रात सो नहीं पाया.' युवराज ने माना कि टीम इंडिया की इस जीत के पीछे उस वक्त के कोच गैरी कर्स्टन का बड़ा योगदान था. युवराज ने कहा कि गैरी ने टीम में यूनिटी को बनाए रखा. उन्होंने हमें सिखाया कि जीतने के लिए कैसे खेला जाता है.
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बारे में युवराज ने कहा कि बेशक किसी भी टीम के लिए अच्छे कप्तान का होना बहुत जरूरी होता है और धोनी ने बहुत मेहनत की थी. लेकिन कप्तान के साथ साथ हर खिलाड़ी को भी अपने अपने लेवल पर उतनी ही मेहनत करनी होती है. इस दौरान युवराज ने दर्शकों से एक मजेदार बात भी साझा की. युवराज ने बताया कि वर्ल्ड कप जीतने के बाद वो पूरी रात ट्रॉफी को अपने बिस्तर पर रख कर सोए थे, क्योंकि उनका मानना था कि वो लम्हा बहुत इमोशनल था और इतनी मेहनत से कमाई हुई चीज को जमीन पर कैसे रख सकते हैं. हेल्थ से भी पहले वर्ल्ड कप जीतना मेरे दिमाग में थाः युवराज सिंह.
हरभजन सिंह ने वर्ल्ड कप के पहले की एक रोचक कहानी सुनाई. हरभजन ने बताया कि वर्ल्ड कप शुरू होने के कुछ महीने पहले हरभजन और युवराज मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम गए थे, जहां हरभजन ने बातों ही बातों में युवराज से कहा था कि इसी मैदान में अगर हम अपने हाथों में वर्ल्ड कप उठाएंगे, तो बहुत अच्छा लगेगा और संयोग से हरभजन की कही ये बातें सच साबित हो गईं.
वहीं पीयूष चावला ने बताया कि वर्ल्ड कप से पहले उनका परफॉर्मेंस बहुत अच्छा नहीं था लेकिन सिर्फ वर्ल्ड कप के लिए उन्होंने जी-तोड़ मेहनत की और वर्ल्ड कप स्क्वॉड में शामिल हुए. पीयूष ने कहा कि स्क्वॉड में शामिल होना ही उनके लिए एक सपने की तरह था.
मंच पर तीनों ने खोले कई राज
जब युवराज, हरभजन और पीयूष जैसे खिलाड़ी साथ हों तो वहां हंसी मजाक होना लाजमी है. चाहे मैदान हो या मैदान के बाहर, युवराज और हरभजन हमेशा मजाक करते हुए नजर आते हैं. इस बाबत जब हरभजन से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि खेल को एंजॉय करना भी उतना ही जरूरी है. खेल में भी एक फन एलिमेंट होना चाहिए. हालांकि हरभजन ने ये भी कहा कि जहां फन करना होता है वहां फन करता हूं और जहां सीरीयस होना होता है वहां सीरीयस होता हूं.
युवराज सिहं से जब ये पूछा गया कि वर्ल्ड कप जीतने के बाद धोनी ने बाल क्यों मुंडवा लिए थे तो उनका कहना था कि धोनी ने वर्ल्ड कप के लिए मन्नत मांगी थी इसलिए उन्होंने ऐसा किया था. युवराज ने धोनी की पोल खोलते हुए बताया कि धोनी ने अपने बाल खुद ही साफ कर लिए थे और बाद में जब वो हमारे कमरे में दाखिल हुए तो हमने उन्हें पहचानने इनकार कर दिया था.
तीनों ही खिलाड़ियों ने टीम इंडिया की इस जीत का श्रेय कोच गैरी, टीम एक अन्य सदस्य और पूरे करो दिया. हरभजन ने कहा कि टीम के 21 लोगों के साथ साथ पूरा देश हमारे साथ खड़ा था और यही बात हमारे कॉन्फिडेंस को बढ़ाने में मददगार साबित होती थी.