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टेस्ट में वापसी करवा सकती है जहीर खान और ईशांत शर्मा की पेस बैटरी

दक्षिण अफ्रीका ने अपनी सरजमीं पर वनडे सीरीज में डेल स्टेन और मोर्न मोर्कल की अगुवाई वाली 'पेस बैटरी' से टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर की धज्जियां उड़ा दीं लेकिन टेस्ट सीरीज में पासा पलट सकता है.

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जहीर खान और ईशांत शर्मा
जहीर खान और ईशांत शर्मा

दक्षिण अफ्रीका ने अपनी सरजमीं पर वनडे सीरीज में डेल स्टेन और मोर्न मोर्कल की अगुवाई वाली 'पेस बैटरी' से टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर की धज्जियां उड़ा दीं लेकिन टेस्ट सीरीज में पासा पलट सकता है. टीम इंडिया के तेज गेंदबाज जहीर खान और ईशांत शर्मा दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों का सिरदर्द बढ़ाने के लिए कमर कसकर तैयार हैं.

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अगर ये दोनों अफ्रीकी बल्लेबाजों को बड़ा स्कोर करने से रोक देते हैं तो बल्लेबाज मैच जिता भी सकते हैं, क्योंकि वहां ओवरों का बंधन नहीं होगा. जहीर खान ने दक्षिण अफ्रीका की तेज पिचों पर अच्छी गेंदबाजी की है और वे बल्लेबाजों को छकाना भी जानते हैं. अगर एक बार वह बल्लेबाज की कमजोरी भांप लेते हैं तो उसे टिकने नहीं देते.

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ को जिस तरह से उन्होंने परेशान किया वह सभी को याद होगा. उन्होंने स्मिथ को 13 बार आउट किया है. स्मिथ ओपनर रहे हैं और उनके जल्दी आउट हो जाने से टीम दबाव में आ जाती है. जहीर गेंद को अच्छा स्विंग करा लेते हैं और पुरानी गेंद को रिवर्स स्विंग कराने की कला भी उनके पास है. अगर वह पूरी क्षमता से खेलते हैं तो कोई कारण नहीं कि दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को रोका नहीं जा सकता.

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ईशांत शर्मा ने पिछले वन डे में 40 देकर 4 विकेट लिये. उन्होंने वहां की कंडीशन का खूब फायदा उठाया. उन्होंने गेंदों को उछाला भी और स्विंग भी कराया. वे अगर लाइन और लेंथ बरकरार रखते हुए वैसे ही गेंदबाजी करें तो कोई कारण नहीं कि उन्हें इस बार भी विकेटें न मिलें. ईशांत 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भी गेंद फेंक सकते हैं, यह उनके लिए अच्छा अस्त्र है. दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज 140 किलोमीटर से ज्यदा गति से गेंदे फेंक रहे थे और वे जब उछलती थीं तो भारतीय बल्लेबाज हैरान-परेशान हो जाते थे. लेकिन भारत के गेंदबाज 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर ही सिमटे रहे.

भारतीय स्पिनरों को वहां अब तक जौहर दिखाने का मौका नहीं मिला लेकिन वे टेस्ट में कमाल दिखा सकते हैं जहां उन्हें तरह-तरह के प्रयोग करने का मौका मिलेगा. अश्विन इन मैचों में बल्लेबाजों को ललचा सकते हैं और उन्हें आउट कर सकते हैं. इसके अलावा दूसरे दिन के बाद जब पिच थोड़ा टूटने लगती है तो वे वहां गेंद घुमा सकते हैं. वन डे में तो वह सिर्फ एक ही विकेट ले पाए लेकिन आगे वह अच्छा करने की उम्मीद कर रहे हैं. उन्होंने वहां की कंडीशन को अच्छी तरह समझ लिया है और बेहतर खेल दिखाने की उम्मीद कर सकते हैं.

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