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वर्ल्ड कप का वो यादगार मुकाबला...जब दो भारतीयों ने न्यूजीलैंड के छक्के छुड़ा दिए

वैसे, विश्व कप में भारत के खिलाफ न्यूजीलैंड का पलड़ा भारी रहा है और उसने अबतक सात मुकाबले जीते है. वहीं भारतीय टीम इस दौरान केवल तीन मुकाबला जीत पाई है. इन्ही में से एक ऐसा मुकाबला भी रहा, जिसमें भारत ने न्यूजीलैंड के छक्के छुड़ा दिए.

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Chetan Sharma (ICC Twitter)
Chetan Sharma (ICC Twitter)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत का 31 अक्टूबर को न्यूजीलैंड से मुकाबला
  • विराट ब्रिगेड के लिए यह मुकाबला बेहद अहम

टी20 वर्ल्ड कप 2021 में टीम इंडिया अपने दूसरे मुकाबले में न्यूजीलैंड का सामना करेगी. 31 अक्टूबर को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में यह मुकाबला खेला जाएगा. दोनों ही टीमों को अपने पहले मुकाबले में पाकिस्तान से हार झेलनी पड़ी थी. ऐसे में सेमीफाइनल में जगह बनाने के मद्देनजर यह मुकाबला काफी अहम होने वाला है. 

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वैसे, विश्व कप में भारत के खिलाफ न्यूजीलैंड का पलड़ा भारी रहा है और उसने अब तक सात मुकाबले जीते है. वहीं, भारतीय टीम इस दौरान केवल तीन मुकाबला जीत पाई है. इन्ही में से एक ऐसा मुकाबला भी रहा, जिसमें भारत ने न्यूजीलैंड के छक्के छुड़ा दिए. बात हो रही 1987 वर्ल्ड कप में 31 अक्टूबर को नागपुर में खेले गए मुकाबले की. 

उस मैच में न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था. जॉन राइट (35) और फिल होर्न (18) ने 46 रनों की साझेदारी कर न्यूजीलैंड को सधी शुरुआत दी. मनोज प्रभाकर ने होर्न को बोल्ड कर इस साझेदारी को तोड़ा. भारतीय टीम ने लगातार अंतराल पर विकेट चटकाते हुए न्यूजीलैंड का स्कोर 5 विकेट पर 181 रन कर दिया. 

... चेतन शर्मा की यादगार हैट्रिक 

मैच के इस अहम मोड़ पर कपिल देव ने तेज गेंदबाज चेतन शर्मा को बॉल थमाई. उन्होंने केन रदरफोर्ड, इयान स्मिथ और इवान चैटफील्ड को लगातार तीन गेंदों पर आउट करके अपनी हैट्रिक पूरी की. चेतन शर्मा वर्ल्ड कप के इतिहास में हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज बन गए. 

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यह हैट्रिक इसलिए भी खास रही क्योंकि तीनों बल्लेबाज बोल्ड आउट हुए थे. इस हैट्रिक के चलते न्यूजीलैंड की टीम निर्धारित 50 ओवरों में नौ विकेट पर 221 रन ही जुटा सकी. चेतन शर्मा ने 10 ओवरों में 51 रन देकर तीन विकेट चटकाए, जिसमें दो मेडन ओवर भी शामिल थे. मोहम्मद अजहरुद्दीन, मनिंदर सिंह, रवि शास्त्री और मनोज प्रभाकर को भी एक विकेट मिला. 

... गावस्कर का ख्वाब हुआ पूरा 

222 रनों के लक्ष्य को भारत ने महज 32.1 ओवरों में सिर्फ एक विकेट खोकर हासिल कर लिया. ओपनर सुनील गावस्कर ने महज 88 गेंदों में नाबाद 103 रनों की पारी खेली. इस दौरान उनके बल्ले से 10 चौके और तीन छक्के निकले. गावस्कर के वनडे करियर का यह पहला एवं आखिरी शतक था. दूसरे ओपनर कृष्णमाचारी श्रीकांत 58 गेंदों पर नौ चौके और तीन छक्कों की बदौलत 75 रनों की तूफानी पारी खेली.

श्रीकांत-गावस्कर ने मिलकर पहले विकेट के लिए 136 रनों की साझेदारी की थी. श्रीकांत को विली वॉटसन ने केन रदरफोर्ड के हाथों लपकवाया था. इसके बाद मोहम्मद अजहरुद्दीन ने भी नाबाद 41 रन बनाकर गावस्कर का शानदार साथ दिया. गावस्कर और चेतन शर्मा को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए संयुक्त रूप से मैन ऑफ द मैच चुना गया था. इस जीत के साथ ही भारत ने अपने ग्रुप में शीर्ष स्थान हासिल कर सेमीफाइनल में जगह बना ली थी. हालांकि, सेमीफाइनल में इंग्लैंड के हाथों भारत को हार झेलनी पड़ी थी. 

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